जयपुर । राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेन्द्र गोयल बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के मामले में सोमवार को सुनवाई करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदन दिलावर ने अदालत में इस मामले में याचिका दायर की है। श्री दिलावर ने विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी के समक्ष भी इस मामले में याचिका दायर की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर इसकी इजाजत दे दी थी।
नये राजनीतिक घटनाक्रम के तहत विधानसभा सत्र बुलाने का मामला इस मुद्दे पर अदालत का फैसले को देखते हुये टाला भी जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं बर्खास्त किए जा चुके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सड़क से अदालत तक चल रहा सियासी झगड़ा अब राजभवन तक जा पहुंचा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच भी टकराव अब ज्यादा बढ़ता जा रहा है , जिससे राजस्थान की सियासत में और ज्यादा गर्माहट आ गई है।
इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट खेमे के विधायकों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज जैसे ही राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने से इनकार किया तो मुख्यमंत्री गहलोत काफी भड़क गए हैं। सीएम गहलोत ने जल्द ही राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की थी, जिसे राज्यपाल ने ठुकरा दिया है।
राज्यपाल ने सत्र बुलाने की मांग को ठुकराते हुए दलील दी है कि कोरोना काल में विधानसभा का सत्र बुलाना ठीक नहीं है। कई विधायक महामारी से संक्रमित भी है। इसके बाद सीएम गहलोत ने फेयरमाउंट होटल में ठहरे अपने समर्थक विधायकों के साथ आपात मीटिंग की और अब विधायकों के साथ राजभवन की ओर रवाना हो गए थे । इस बीच सीएम गहलोत ने भी धमकी भरे लहजे में कह दिया है कि अगर नाराज होकर जनता ने राजभवन का घेराव कर दिया तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। मुख्यमंत्री गहलोत के इस धमकी भरे लहजे पर राजस्थान भाजपा की भी बड़ी बैठक होने वाली है।
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