नई दिल्ली। पेगासस जासूसी मामले (Pegasus spy case) पर आज यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreem Court) में सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना (Chief Justice NV Ramanna) और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच करेगी। इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार एनराम और शशिकुमार, सीपीएम के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास (Rajya Sabha MP John Brittas) और वकील एमएल शर्मा ने याचिकाएं दाखिल की हैं। पेगासस मामले की जांच को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा लगातार जारी है। विपक्ष के हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है।
याचिकाओं में कहा गया है कि सैन्य-श्रेणी के स्पाइवेयर का उपयोग करके बड़े पैमाने पर जासूसी की जा रही है। जिससे कि लोगों के कई मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। यह एक तरह से स्वतंत्र संस्थानों में घुसपैठ, हमला और अस्थिर करने के प्रयास है, इसलिए इसपर जल्द से जल्द सुनवाई की जरूरत है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि यदि सरकार या उसकी किसी भी एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर का लाइसेंस लिया और किसी भी तरह से इसका इस्तेमाल किया तो केंद्र को इस बारे में जांच के माध्यम से खुलासा करने का निर्देश दिया जाए।
क्या है मामला
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए हैं। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा कि इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।
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