• img-fluid

    Hijab Controversy: हाईकोर्ट में सुनवाई जारी, छात्राओं के वकील ने दिया दक्षिण अफ्रीकी अदालत के फैसले का हवाला

  • February 15, 2022

    बेंगलुरु। कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई से पहले इस विवाद में नया मोड़ देखने को मिला जब याचिकाकर्ता छह मुस्लिम छात्राओं ने एक नई याचिका दायर की। इसमें कहा गया है कि कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं इसलिए इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है और इसी लिए छात्राओं को भी प्रताड़ित किया जा रहा है।

    याचिकाकर्ता छात्राओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने अदालत के सामने दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत के फैसले का उल्लेख किया। इसमें मुद्दा यह था कि क्या दक्षिण भारत से संबंध रखने वाली एक हिंदू लड़की क्या स्कूल में नाक का आभूषण (नोज रिंग) पहन सकती है।

    कामत ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका की अदालत ने पैसले में कहा था कि अगर ऐसे छात्र-छात्राएं और हैं जो अपने धर्म या संस्कृति को व्यक्त करने से डर रहे हैं तो उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह जश्न मनाने की चीज है न कि डरने की। कामत ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि धर्म और संस्कृति का सार्वजनिक प्रदर्शन विविधता का एक उत्सव है जो हमारे स्कूलों को समृद्ध करता है।

    वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि हमारा संविधान सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता का पालन करता है न कि तुर्की की तरह जो कि नकारात्मक धर्मनिरपेक्षता है। उन्होंने कहा कि हमारी धर्मनिरपेक्षता सभी लोगों के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।


    इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान इन छात्राओं ने हाईकोर्ट से कहा था कि मुस्लिम छात्राओं को स्कूल की यूनिफॉर्म के रंग से मेल खाता हुआ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाएं। ये छात्राएं उडुपी के प्री यूनिवर्सिटी (पीयू) कॉलेज की हैं। छात्राओं का कहना है कि हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा है और इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है। केंद्रीय स्कूलों में भी यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति होती है।

    कुछ स्थानों पर छात्राओं ने किया परीक्षाओं का बहिष्कार
    इस विवाद के बीच राज्य में कुछ स्थानों पर लड़कियों ने प्री परीक्षा का बहिष्कार कर दिया है। कुछ स्थानों पर अभिभावक ही बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। शिवमोग्गा शहर के कर्नाटक पब्लिक स्कूल में कई छात्राओं ने कक्षा 10वीं की प्रारंभिक परीक्षा का बहिष्कार कर दिया है। स्कूल की एक छात्रा हिना कौसर ने बताया कि मुझे स्कूल में प्रवेश करने से पहले हिजाब हटाने के लिए कहा गया था। इसलिए मैंने परीक्षा में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

    दरअसल, कर्नाटक सरकार ने फरवरी की शुरुआत में कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1983 की धारा 133(2) लागू कर दी थी। इसके अनुसार सभी छात्र-छात्राओं के लिए कॉलेज में तय यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। यह आदेश सरकारी और निजी, दोनों कॉलेजों पर लागू किया गया। मुस्लमि छात्राओं के साथ-साथ कई राजनीतिक दलों ने भी राज्य सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। फिलहाल इस मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई की जा रही है।

    Share:

    मार्केट में धमाल मचानें आ गया Lenovo का नया फोन, 48 MP कैमरे के साथ मिलेंगे ये जरबदस्‍त फीचर्स

    Tue Feb 15 , 2022
    नई दिल्ली। लंबे समय के इंतजार के बाद आख्रिकार इलेक्‍क्‍ट्रानिक डिवाइस निर्माता कंपी Lenovo ने स्मार्टफोन मार्केट में एंट्री की है। कंपनी ने Lenovo K14 Plus को रूस में लॉन्च किया है। कहा जा रहा है कि Lenovo K14 Plus, Moto E40 का री-ब्रांडेड वर्जन है। बता दें कि मोटोरोला के स्मार्टफोन का लाइलेंस लेनोवो […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved