विवेक तनखा की मुख्य सचिव को चेतावनी
मप्र के इतिहास में शायद पहली बार हुआ है कि किसी राजनीतिक दल के सांसद ने राज्य के मुख्य सचिव को सीधी चेतावनी दी हो कि सात दिन में इस्तीफा देकर घर चले जाओ वर्ना हम कार्रवाई करेंगे। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और जानेमाने वकील विवेक तनखा और मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस अच्छे मित्र है। लेकिन इसके बाद भी तनखा ने बैस को सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी है। दरअसल कांग्रेस पहले से ही इकबाल सिंह बैस को डरी हुई है कि भाजपा ने चुनाव के लिए उन्हें एक्सटेंशन दिया है। सीएस के खिलाफ एनजीटी कोर्ट की टिप्पणी के बाद कांग्रेस अब हमलावर हो गई है। पहले नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविन्द सिंह ने सीएस के खिलाफ मोर्चा खोला। अब विवेक तनखा की चेतावनी ने मामले को गंभीर बना दिया है। अंदरखाने से खबर आ रही है कि विवेक तनखा की चेतावनी के पीछे मप्र की ब्यूरोक्रेसी का ही दिमाग है जो कांग्रेस की सरकार बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
कमल पटेल का बड़बोलापन!
मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल के बड़बोलेपन से भाजपा संगठन भी परेशान है। पटेल कब कहां क्या बयान दे दें भरोसा नहीं है। शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा का प्रभारी मंत्री बनाया है। छिंदवाड़ा मप्र का एकमात्र जिला है जहां की सभी सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। लोकसभा, महापौर सहित अधिकांश निकायों पर भी कांग्रेस काबिज है। पिछले दिनों कमल पटेल का बयान आया कि इस बार भाजपा छिंदवाड़ा की लोकसभा औ विधानसभा की सभी सातों सीटें जीतेगी। इस राजनीतिक बयान से किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई। लेकिन बड़बोले मंत्री ने आगे कहा कि कमलनाथ को अनाथ कर देंगे उनके पूरे खानदान को अनाथ कर देंगे तो सबसे पहले हरदा में उनके बयान का मजाक उड़ाया गया कि – हरदा में खुद के जीतने के लाले पड़े हैं कमलनाथ को अनाथ करने की शेखी बघार रहे हैं।
नरेन्द्र सलूजा का खुफिया तंत्र!
मप्र कांग्रेस के अंदरखाने में क्या चल रहा है। कौन नेता किससे नाराज है। कांग्रेस की बैठकों में अंदर क्या पक रहा है। इसकी एकदम सटीक जानकारी भाजपा के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा पर रहती है। शिवराज और वीडी शर्मा भी कांग्रेस की अंदरखाने से आने वाली खबरों की पुष्टी सलूजा से ही करते हैं। दरअसल सलूजा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं। उन्होंने वहां अपना एक खुफिया तंत्र विकसित कर लिया था जो कमलनाथ के बंगले और कांग्रेस के दफ्तर की पल पल की जानकारी उन्हें देता था। भाजपा में जाने के बाद भी सलूजा का खुफिया तंत्र सक्रिय है। कांग्रेस में शोभा ओझा और पीयूष बबेले का विवाद हो या अजय सिंह की नाराजगी यह सभी खबरें मीडिया को भी सलूजा के ट्विटर के जरिए मिल रही हैं।
पूर्व चीफ सेकेट्ररी का प्लॉट खो गया!
यह खबर थोड़ी चौंकाने वाली है। छत्तीसगढ के एक पूर्व मुख्य सचिव का प्लॉट भोपाल में खो गया है। भदभदा क्षेत्र के मेंडोरी गांव में इस आईएएस अधिकारी ने प्लॉट खरीदा था। लंबे समय बाद भोपाल लौटे तो उन्हें अपना प्लॉट नहीं मिला। उन्होंने वहां एक महिला के प्लॉट पर फेसिंग करके अपनी नाम का बोर्ड लगा दिया है। इस बोर्ड पर दो केयर टेकर के मोबाइल नम्बर लिख दिए। जबकि उक्त महिला ने जिला प्रशासन से वकायदा नपती कराकर उक्त प्लॉट पर पहले ही फेसिंग करा रखी है। पूर्व मुख्य सचिव ने महिला की महिला फेसिंग उखाड़ कर अपनी फेसिंग लगा ली है। यह मामला जल्दी ही तूल पकडऩे वाला है।
एक पत्रकार की पीड़ा
समय बहुत बलवान होता है। एक समय मप्र के सबसे ताकतवर पत्रकार रहे सुधीर सक्सेना को महिला बाल विकास विभाग के अदने से अफसर ने इतना परेशान कर रहा है कि इस तनाव में सक्सेना की पत्नी की हृदयाघात से असमय मृत्यु हो गई। लंबे समय तक राष्ट्रीय पत्रिका माया के लिए मप्र से एक से एक शानदार खबरें लिखने वाले सुधीर सक्सेना ने बावडिया कलां में रहने को घर बनाया है। महिला बाल विकास के एक अफसर ने उनके प्लॉट के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया है और एक तरफ का रास्ता बंद कर दिया है। इस अफसर ने अपनी कथित अवैध कमाई से करोडों रुपए की कोठी तान दी है। सुधीर सक्सेना ने इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर लोकायुक्त तक की है लेकिन अफसर स्वयं को आरएसएस और भाजपा के नजदीक बताकर कार्रवाई नहीं होने दे रहा। इसी तनाव के चलते पिछले दिनों सुधीर जी की पत्नी का हार्टअटैक से निधन हो गया है।
विधायकों का प्रशिक्षण और गोविन्दाचार्य
बीते शनिवार को भोपाल में दो अलग अलग प्रशिक्षण शिविर चल रहे थे लेकिन मीडिया का फोकस शहर के बाहरी इलाके में चल रहे भाजपा के प्रवासी विधायकों के प्रशिक्षण पर था जिन्हें मप्र में चुनाव जीतने चार राज्यों से बुलाया गया था। जबकि बीच शहर में सीएम हाऊस के बगल में भाजपा के दिग्गज रहे गोविन्दाचार्य जी गांधी भवन में प्रशिक्षण दे रहे थे उसकी एक लाईन खबर मीडिया में दिखाई नहीं दी। एक समय गोविन्दाचार्य मीडिया की सुर्खियों में रहते थे। अब वे स्वाभिमान भारत नाम से अपना एक गैर राजनीतिक संगठन चलाते हैं। इस संगठन के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने गोविन्दाचार्य शनिवार को ही भोपाल आए थे। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के सूत्र दिए लेकिन मीडिया में इसकी कोई चर्चा सुनाई नहीं दी।
और अंत में…!
मप्र में चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ससुर स्व. सुभाषचंद्र बैनर्जी को महापुरूषों की सूची में शामिल करते हुए जबलपुर में उनकी मूर्ति का अनावरण कर दिया है। लोहिया पुल पर लगाई गई इस मूर्ति को लेकर चर्चा है कि इससे उनके परिजनों के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी खुश होंगे। जेपी नड्डा ने जबलपुर की तत्कालीन सांसद जयश्री बैनर्जी की बेटी से विवाह किया है। बैनर्जी का पूरा परिवार जनसंघ व भाजपा से जुड़ा रहा है। कुछ वर्ष पहले तक जेपी नड्डा के साले मप्र भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे। नई कार्य समिति में जबलपुर से नड्डा के साले को हटा दिया गया था। तब से लग रहा था कि मप्र में इस परिवार की उपेक्षा हो रही है। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्व. बैनर्जी की मूर्ति का अनावरण कर इस परिवार को खुश कर दिया है।
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