जब रात एक बजे सीएम ने एसीएस को हड़काया!
रविवार देर रात पीएचई विभाग के अपर मुख्य सचिव अपने घर गहरी नींद में सो रहे थे, अचानक रात एक बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक फोन ने अपर मुख्य सचिव सहित पूरे पीएचई महकमे को नींद से जगा दिया। यह फोन मुख्यमंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र के नसरूल्लागंज कस्बे से लौटते समय किया, जहां अनेक लोगों ने बिजली पानी की भारी क़िल्लत की शिकायतें की थीं। मुखबिर का कहना है कि फिल्म नायक की तर्ज पर सीएम ने एसीएस को जमकर हड़काया। कुछ भी करो, कहीं से भी लाओ, लेकिन जनता को पानी उपलब्ध कराओ। एक फोन से पूरे पीएचई और जल निगम के अफसरों की नींद उड़ गई। सुबह सूरज उगने से पहले पूरा महकमा मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचा और दोपहर होते होते नसरूल्लागंज में ट्यूबवेल खनन शुरू हो चुका था।
यह मंत्री जी बहरे हैं!
मप्र में एक मलाईदार विभाग के मंत्री ने अपने तीन विभागों के लिए तीन अलग अलग ओएसडी रखे हुए हैं। इनमें एक ओएसडी आजकल जमकर बेटिंग (कमाई) कर रहे हैं। इसकी शिकायत सत्ता व संगठन तक है, लेकिन मंत्री किसी की सुनने तैयार नहीं हैं। मंत्री जी का साफ कहना है कि इस मामले में मैं बहरा हूं। मजेदार बात यह है कि इन्हीं मंत्री को पिछले कार्यकाल में भी मलाईदार विभाग मिला था। तब भी मंत्री से ज्यादा कमाई, उस समय के उनके ओएसडी ने की थी। इस बार भी चर्चा है कि मंत्री से ज्यादा कमाई उनका ओएसडी कर रहा है। मप्र के मंत्रियों के स्टॉफ के लोग चटकारे लेकर रहे हैं कि काश ऐसे बहरे मंत्री सभी को मिलें!
मंत्री पर भारी अधिकारी
मप्र के एक कद्दावर मंत्री पर अधिकारी भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं। मामला भोपाल के मास्टर प्लान को लेकर है। नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने घोषणा की थी कि भोपाल का नया मास्टर प्लान तैयार है, इसे जनवरी 2022 से लागू कर दिया जाएगा, लेकिन अफसरशाही की जिद के चलते चार महीने बाद भी यह लागू नहीं हो पाया है। दरअसल भोपाल में बड़े व छोटे तालाब के संरक्षण के लिए भोजवैट लैंड परियोजना लागू है। इस परियोजना में तालाब के आसपास के गांव में मानव गतिविधियां सीमित की गई हैं। इसमें कोई भी परिवर्तन हाईकोर्ट के आदेश के बिना नहीं कर सकते। मप्र के अधिकारियों ने तालाब के आसपास जमीनें खरीद रखी हैं।अधिकारी नये मास्टर प्लान में तालाब के आसपास के गांवों का एफएआर 0.06 से बदलकर 0.75 करना चाहते हैं। पर्यावरणविद इसे बदलने नहीं दे रहे। इसी कारण भोपाल का मास्टर प्लान लंबे समय से अटका पड़ा है।
सीनियर एडवोकेट को लेकर विवाद!
मप्र हाईकोर्ट में 15 नये सीनियर एडवोकेट के चयन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इन 15 सीनियर एडवोकेट का चयन मप्र के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने किया है। इसके लिए वकायदा साक्षात्कार भी लिए गये थे। कुछ लोग इस चयन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इंदौर के वकील विवेक दलाल ने स्टेट बार कौन्सिल के चेयरमैन को पत्र लिखकर बताया है कि चयन किये गये 15 सीनियर एडवोकेट में कौन किसका रिश्तेदार है या न्याय क्षेत्र के किस प्रभावशाली व्यक्ति से जुड़ा हुआ है। विवेक दलाल ने उन वकीलों की सूची भी दी है जिन्हें योग्यता के आधार पर सीनियर एडवोकेट बनाना चाहिए था, लेकिन उनके नामों पर विचार नहीं किया गया। चर्चा है कि सीनियर एडवोकेट के चयन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है।
कमलनाथ ने पटवारी को दिखाया आईना!
मप्र कांग्रेस में चर्चा है कि प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले दिनों पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को बुलाकर उनके विधानसभा क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट दिखाते हुए उन्हें सब काम छोड़कर अपने विधानसभा क्षेत्र में फोकस करने की नसीहत दी है। कमलनाथ का कहना था कि जीतू पटवारी ने यदि क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया तो उन्हें चुनाव में दिक्कत आएगी। यह भी चर्चा है कि जीतू पटवारी को मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग छोडऩे का भी संकेत दिया गया है। मुखबिर का कहना है कि पटवारी ने अगले एक महीने में पार्टी की सभी जिम्मेदारी छोड़कर अपने विधानसभा क्षेत्र पर ही फोकस करने का भरोसा दिलाया है।
कट्टर हिन्दुत्व की ओर युवा संत!
मप्र में एक युवा संत बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। अभी तक यह लोगों के मन की बात पहले से कागज पर लिखकर तालियां बटोर रहे थे, लेकिन अचानक इस युवा संत ने कट्टर हिन्दुत्व की लाईन पकड़कर भाजपा व संघ को खुश कर दिया है। देश में यह पहले संत हैं जिन्होंने हिन्दुओं पर जुल्म करने वालों को सबक सिखाने न केवल बुल्डोजर खरीदने की बात की है, बल्कि जुल्म करने वालों के घरों पर बुल्डोजर चलाने की घोषणा भी कर दी है। मात्र 26 वर्ष के बहुत ही सुन्दर दिखने वाले बागेश्वर धाम के संत पं. धीरेन्द्र शास्त्री की परेशानी यह है कि उनके पास बुल्डोजर खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। उनके इस बयान के बाद उनके दरबार में भक्तों की संख्या अचानक बढ़ गई है। उम्मीद है कि भक्त बुल्डोजर खरीदने लायक पैसे तो दान में दे ही देंगे। चिन्ता इस बात की है कि मप्र के दूसरे संत भी चर्चित होने के लिए कहीं बुल्डोजर न खरीदने लगें।
और अंत में…!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद नजदीक माने जाने वाले भाजपा के तेजतर्रार विधायक रामेश्वर शर्मा आजकल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के निशाने पर बताए जा रहे हैं। राजधानी में सबसे ज्यादा होर्डिंग्स रामेश्वर शर्मा के दिखाई देते हैं। धार्मिक त्यौहार हो या राजनीतिक कार्यक्रम पूरा शहर शर्मा के होर्डिंग्स से पट जाता है। इस सप्ताह अमित शाह के भोपाल आगमन पर रामेश्वर शर्मा के सभी होर्डिंग्स में उन्हें शेर बताया गया और होर्डिंग्स पर शाह के साथ शेर का फोटो भी छापा गया। पार्टी में इसकी तीखी आलोचना हुई कि नेता की तुलना हिंसक जानवर से नहीं करना चाहिए। रातोंरात शर्मा के होर्डिंग्स हटवाए गये। अब चर्चा है वीडी शर्मा पार्टी की ओर से ऐसा आदेश जारी कर रहे हैं कि पार्टी के बड़े आयोजन में व्यक्तिगत होर्डिंग्स के बजाय पार्टी स्तर पर शालीन होर्डिंग्स लगवाए जाएं। यदि ऐसा हुआ तो शर्मा सहित बहुत से लोगों को चेहरा चमकाना मुश्किल हो जाएगा।
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