मप्र के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों संजय माने, सुशोभन बैनर्जी और बी मधुकुमार को जल्दी ही क्लीनचिट मिल सकती है। कमलनाथ सरकार के समय आयकर छापों के दौरान इन अफसरों पर कालाधन इधर से उधर करने के आरोप लगे थे। केन्द्रीय चुनाव आयोग की अनुशंसा पर मप्र सरकार ने इन तीनों अफसरों को शोकॉज नोटिस जारी किये थे। बताया जाता है कि इस छापे के संबंध में आयकर विभाग की फाइनल रिपोर्ट में इन अफसरों के नाम नहीं हैं। इसी आधार पर इन अफसरों के आग्रह पर राज्य सरकार ने तीनों अफसरों को क्लीनचिट देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। उम्मीद है जल्दी ही तीनों अफसर इस कलंक से बाहर हो जाएंगे। इन अफसरों में संजय माने रिटायर हो गये हैं। बी मधुकुमार इसी माह रिटायर होने वाले हैं। जबकि सुशोभन बैनर्जी अगले वर्ष रिटायर होंगे।
पूर्व कुलपति ने बनाया अविश्वास प्रस्ताव!
मप्र विधानसभा में कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस में ही खींचतान मची हुई है। हर कोई इस अविश्वास प्रस्ताव को कमजोर और जल्दबाजी में लाना बता रहा है। कांग्रेस के लोग ही जानना चाहते हैं कि शिवराज सरकार के खिलाफ इतना लचर अविश्वास प्रस्ताव किसने तैयार किया? खोजबीन पर पता चला है कि इस अविश्वास प्रस्ताव को तैयार करने में मप्र के एक पूर्व कुलपति ने काफी मशक्कत की है। कांग्रेस के एक दिग्गज नेता के बंगले पर पूर्व कुलपति के निर्देशन में यह अविश्वास प्रस्ताव तैयार किया गया। मप्र में दिग्विजय सरकार के कार्यकाल में इस कुलपति का जलवा था। भाजपा सरकार आने के बाद इनके खिलाफ अनेक प्रकरण दर्ज किये गये। मजेदार बात यह है कि कमलनाथ सरकार में भी इस पूर्व कुलपति को महत्वपूर्ण कुर्सी से नवाजा गया था। बहरहाल यह तो तय है कि पूर्व कुलपति ने कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी तो निभाई है।
महिला अफसर के दो बच्चों की फीस 22 लाख सलाना!
मप्र राज्य प्रशासनिक सेवा की एक महिला अफसर के दो बच्चों की फीस 22 लाख रुपए सलाना है। महिला अफसर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों ने लोकायुक्त से लेकर राज्य सरकार तक भेजी शिकायतों में इस बात के प्रमाण संलग्न किये हैं। मप्र के एक बड़े जिले में पदस्थ महिला अफसर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये गये हैं। उनके पति भी सेवा में हैं। दोनों के खिलाफ लंबे समय से शिकायतों का सिलसिला चल रहा है। ताजी शिकायत में इस दम्पत्ति की अचल सम्पतियों, बेनामी वाहन के दस्तावेजों के साथ साथ इनके बच्चों की सलाना फीस का चार्ट भी लगाया गया है। बीते तीन महीने से लगातार हो रहीं शिकायतों के बाद भी न तो लोकायुक्त संगठन ने जांच शुरु की है और न राज्य सरकार इन शिकायतों पर कार्रवाई करने के मूड में है।
आईएएस अफसर के रिश्तेदार का कैरियर चौपट!
मप्र में पिछले वर्ष रिटायर हुए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने मप्र के ही एक अन्य आईएएस अफसर के निकट रिश्तेदार का कैरियर पूरी तरह चौपट कर दिया है। जिस आईएएस अफसर के रिश्तेदार का कैरियर चौपट किया है वह फिलहाल दिल्ली में महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ हैं। दरअसल कुछ वर्ष पहले इन आईएएस ने जल संसाधन विभाग के तत्कालीन एसीएस को सिर्फ यह बताया था कि उक्त अधिकारी उनका रिश्तेदार है आप ध्यान रखना। इसके बाद ही जल संसाधन विभाग में इस अफसर के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई। जल संसाधन विभाग में इस अफसर को इतना परेशान किया गया कि उन्होंने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आवेदन तक दे दिया, लेकिन उन्हें वीआरएस भी नहीं लेने दिया गया। अपने अधिकारों के लिए उन्हें हाईकोर्ट तक जाना पड़ा था। अपने जायज अधिकारों के लिए लड़ते लड़ते ही वे रिटायर हो गये थे।
जीतू पटवारी हो सकते हैं मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष!
मप्र कांग्रेस के युवा और तेजतर्रार विधायक जीतू पटवारी मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष हो सकते हैं। बताते हैं कि कांग्रेस हाईकमान मप्र कांग्रेस संगठन का नेतृत्व युवा चेहरे को देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। कांग्रेस में फिलहाल कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सुरेश पचौरी बड़े चेहरे के रूप में दिखते हैं, लेकिन यह तीनों बुजुर्ग नेता हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस बात पर विचार हुआ है कि मप्र में संगठन की कमान युवा चेहरे को सौंपी जाए। भारत जोड़ो यात्रा और उसके बाद विधानसभा में जीतू पटवारी की सक्रियता से भी अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्हें जल्दी ही कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। वैसे भी मप्र में कमलनाथ के बाद जीतू पटवारी ही ऐसे नेता दिखाई दे रहे हैं जो संगठन को आर्थिक रूप से मजबूती से चला सकेंगे। यदि जीतू पटवारी को अध्यक्ष बनाया जाता है तो कमलनाथ को सीएम चेहरे के साथ-साथ चुनाव अभियान का मुखिया बनाया जाना तय है।
नरोत्तम मिश्रा या बायकाट मिश्रा!
फिल्म पठान के गाने ‘बेशर्म रंगÓ का विरोध करके मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को राष्ट्रीय स्तर पर जबर्दस्त पब्लिसिटी मिल गई है। इस सप्ताह नरोत्तम के पक्ष और विरोध में सबसे अधिक खबरें देश भर के मीडिया की सुर्खियां बनीं। मेनस्ट्रीम का मीडिया नरोत्तम मिश्रा के पक्ष में खड़ा दिखाई दिया तो सोशल मीडिया पर उनकी जमकर खिचाई भी की गई। सोशल मीडिया के चर्चित चैनल ‘न्यूज लॉन्ड्रीÓ ने तो एंकर अतुल चौरसिया के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘टिप्पणीÓ में नरोत्तम मिश्रा पर लंबा वीडियो बनाकर उन्हें ‘बायकाट मिश्राÓ के रूप में नया नाम दे दिया है। ‘न्यूज लॉन्ड्रीÓ ने अपने इस वीडियो में खुलासा किया है कि केन्द्र सरकार देश के मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने नरोत्तम के जरिए ऐसे मुद्दे उठवाती है। तवांग में चीनी घुसपैठ के मामले से ध्यान हटाने नरोत्तम से फिल्म पठान का विरोध कराया गया था।
और अंत में…!
मप्र विधानसभा के चार दिन चले शीतकालीन सत्र की एक उपलब्धि भाजपा और कांग्रेस के दो जानी दुश्मन विधायकों को गले मिलवाना भी रही है। भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा और कांग्रेस विधायक पांचीराम मेडा का पिछले सत्र में जबर्दस्त झगड़ा हो गया था। पांचीराम ने आरोप लगाया कि सदन में सरकार का विरोध करने पर उमाकांत शर्मा ने उनका कुर्ता फाड़ दिया था। पांचीराम ने स्वयं को आदिवासी बताते हुए सुरक्षा मांगी। दूसरी ओर शर्मा ने भी पांचीराम से अपनी जान को खतरा बताया था। तब से इन दोनों विधायकों में दुश्मनी जैसी हो गई थी। इस सत्र में स्पीकर गिरीश गौतम ने दोनों विधायकों को अपने कक्ष में बुलाकर दोनों के मतभेद दूर कराये और दोनों को गले भी मिलवा दिया है। अब हमें यह नहीं पता कि इन दोनों में वाकई दुश्मनी खत्म हुई या नहीं?
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved