नई दिल्ली. किशमिश (Raisin) सूखे अंगूर होते हैं जो आमतौर पर काले और भूरे रंग में उपलब्ध होते हैं. फाइटोकेमिकल्स और फाइबर से भरपूर होने के कारण किशमिश स्वास्थ्य (Health) को बढ़ावा देने के लिए आपके आहार में एक बढ़िया ऑप्शन है. किशमिश के इन सभी गुणों को जब आप दूध में मिलाते हैं तो ये और भी शक्तिशाली हो जाते हैं. वास्तव में, दूध के साथ किशमिश एक सदियों पुराना मिश्रण है जिसका उपयोग शिशुओं के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए किया जाता है. आप अपने शिशुओं को ऑर्गेनिक किशमिश दे सकें तो और भी अच्छा होगा. आपने दूध और किशमिश का सेवन जरूर किया होगा.
माना जाता है कि दूध और किशमिश (milk and raisins) का एक साथ सेवन करने से न केवल प्रोस्टेट की ताकत बढ़ सकती है बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में भी यह काफी मददगार साबित हो सकता है. शोध भी बताते हैं कि किशमिश में पुरुष प्रजनन क्षमता(fertility) में सुधार करने का गुण होता है. साथ ही इसमें शुक्राणुओं की गतिशीलता बढ़ाने की क्रिया भी सक्रिय रूप से पाई जाती है. यहां दूध में किशमिश को भिगोकर खाने के कुछ फायदे बताए गए हैं.
दूध के साथ किशमिश खाने के शानदार फायदे
1. पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है
किशमिश अघुलनशील और घुलनशील फाइबर के साथ आती है. इस प्रकार, दूध के साथ किशमिश आपके मल त्याग को सुचारू रखने में मदद करती है, जिससे कब्ज दूर रहता है. इसलिए, अगर कब्ज लगभग एक नियमित समस्या है, तो डेली एक गिलास किशमिश-दूध पिएं.
2. आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
किशमिश प्रीबायोटिक्स और टार्टरिक एसिड के साथ आती है. अध्ययनों से पता चला है कि दूध के साथ किशमिश में मौजूद फाइटोकेमिकल्स और डाइटरी फाइबर आंत माइक्रोबायोटा को बदलने और उनके अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं. हालांकि, इस खोज की पुष्टि के लिए और अधिक अध्ययन की जरूरत है.
3. दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है
किशमिश-दूध का लगातार सेवन दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है. पर्याप्त मात्रा में फाइबर, पोटेशियम, और अन्य बायोएक्टिव यौगिकों जैसे टैनिन और फिनोल की उपस्थिति इस स्वास्थ्य लाभ के लिए जिम्मेदार हैं.
4. किशमिश मौखिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है
किशमिश की चिपचिपी बनावट के कारण यह मौखिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन किशमिश में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो कैविटी से बचाने में मदद कर सकते हैं. किशमिश में एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स बैक्टीरिया के विकास को दबाने में मदद कर सकते हैं जिससे कैविटी हो सकती हैं.
फाइनल नोट:
किशमिश में कई फाइटोएस्ट्रोजेन और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के साथ आते हैं. किशमिश में मौजूद हाई लेवल एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से लड़ने में मदद करते हैं, और इस प्रकार पुरानी बीमारियों से लड़ने में सहायता कर सकते हैं. इसके अलावा, किशमिश-दूध बोरॉन से भरपूर होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार और रखरखाव में मदद कर सकता है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव समान्य जानकारी के लिए हैं हम इसकी सत्यता व सटीकता की जांच का दावा नही करते हैं. कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो डॉक्टर का परामर्श जरूर लें.
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