इंदौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में 18 से 30 साल की उम्र वाले 50 हजार से ज्यादा युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर किए गए एक अध्ययन ( Youth Health Survey) में परेशान करने वाली जानकारियां सामने आई हैं। अध्ययन के निष्कर्षों में 34 फीसदी प्रतिभागी युवकों (34 percent participating youth) का बीपी (BP) असामान्य पाया गया है। अध्ययन में शामिल करीब 90 फीसदी युवाओं (90 percent youth) की खान-पान की आदतें गड़बड़ (Eating habits are messed up) पाई गई हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने ‘हेल्थ ऑफ इंदौर 2024’ अभियान के तहत किए गए इस अध्ययन की रिपोर्ट शनिवार को जारी किया।
यह मुहिम इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी ने शुरू की है। संबंधित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन ने युवाओं की अनियमित दिनचर्या पर चिंता जताई। सीएम ने कहा कि आयुर्वेद और योग पर आधारित भारतीय जीवन शैली अपनाकर लोग स्वस्थ रह सकते हैं। ‘हेल्थ ऑफ इंदौर 2024’ अभियान के तहत किए गए अध्ययन के तहत दो दिन के भीतर इंदौर के 50,121 युवकों के स्वास्थ्य की जांच की गई।
अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर के 34 फीसदी प्रतिभागी युवकों का बीपी असामान्य पाया गया है। यही नहीं 8.72 फीसदी युवकों में कोलेस्ट्रॉल, 3.43 प्रतिशत युवकों को ब्लड शुगर, 1.98 प्रतिशत युवाओं में क्रिएटिनिन, 9.93 प्रतिशत युवाओं में सीरम ग्लूटामिक पाइरुविक ट्रांसअमिनेज (एसजीपीटी) और 5.6 प्रतिशत युवाओं में प्रोटीन का असामान्य स्तर पाया गया।
अध्ययन में शामिल करीब 48 फीसदी युवाओं की नींद का तरीका असामान्य पाया गया। लोकसभा सदस्य लालवानी ने कहा कि इस अध्ययन के आंकड़े आगाह करते हैं कि बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली बेहद जरूरी है। युवाओं को सेहत पर बेहद ध्यान देने की जरूरत है।
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