देसी वैक्सीन पर मिल रही गुड न्यूज
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का खात्मा करने वाली वैक्सीन की खोज जारी है। कई वैक्सीन कैंडिडेट्स का ट्रायल एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुका है। ICMR-भारत बायोटेक की देसी कोरोना वैक्सीन Covaxin का फेज 1 और 2 ट्रायल भी शुरू हो गया है। शुरुआती डोज दिए जाने के बाद वॉलंटिअर्स में किसी तरह के साइड-इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले हैं। रिसर्च में सहयोग के लिए डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) ने अपने दरवाजे खोल रखे हैं। ग्लोबल लेवल पर देखें तो चीनी कंपनी साइनोफार्म की वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के थर्ड स्टेज में पहुंच गई है। दावा है कि यह वह ट्रायल के तीसरे दौर में पहुंचने वाली दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन है। आइए, वैक्सीन डेवलपमेंट और रिसर्च को लेकर ताजा अपडेट्स जानते हैं।
स्वदेशी कोरोना #Vaccine का #humantrials शुरू!#COVID19 के खिलाफ ज़ंग अब निर्णायक दौर में है।पिछले कई महीनों से कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए जारी प्रयास के सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं।हम जल्द ही इस महामारी पर पूरी तरह जीत प्राप्त कर लेंगे।@PMOIndia @MoHFW_INDIA @BharatBiotech pic.twitter.com/Cf0Ds6bhZG
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) July 18, 2020
मलेशिया में इंसानों पर टेस्ट होने वाली कोरोना वैक्सीन के शुरुआती नतीजे बेहद अच्छे रहे हैं। वैक्सीन हर वॉलंटिअर्स में इम्यून रेस्पांस ट्रिगर करने में सफल रही। रिसर्चर्स के मुताबिक, वैक्सीन के कोई खास साइड इफेक्ट्स भी देखने को नहीं मिले। यह नतीजे इसलिए भी अहम हैं क्योंकि अभीतक अधिकतर वैक्सीन के ट्रायल में कई साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा कि अभी और स्टडी की जरूरत है।
अमेरिकन कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में सारे वॉलंटिअर्स में कोरोना के प्रति इम्यूनिटी शुरू करने में कामयाब रही है। मगर एक दिक्कत रिसर्चर्स को पता चली है। आधे से ज्यादा वॉलंटिअर्स को वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स महसूस हुए। एक ग्रुप के लक्षण तो ‘गभीर’ पाए गए। अधिकांश वॉलंटिअर्स को कम से कम एक साइड इफेक्ट हुआ। थकान, सिरदर्द, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द के अलावा बुखार, घुटनों में दर्द और मितली जैसी दिक्कतें आईं।
एक रूसी दवा कंपनी ने ब्रिटिश कोरोना वैक्सीन बनाने का सौदा किया है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन मॉस्को की आर-फार्म में बनेगी। कंपनी ने Astrazeneca ने इसका करार किया है। यह डील ऐसे वक्त में हुई है जब ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने रूसी हैकर्स पर वैक्सीन ट्रायल का डेटा चुराने का आरोप लगाया है।
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