नई दिल्ली। भारत सरकार कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए बजट में प्रावधान करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एक इंटरव्यू में यह बात कही। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोविड वैक्सीन की फंडिंग और डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रैटजी की जानकारी मांगी थी। हर्षवर्धन ने कहा कि ‘कोविड वैक्सीन प्रोग्राम के लिए बजट में सभी सरकारी योजनाओं की तरह फंड अलॉट किया जाएगा।”
बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव में जीत पर मुफ्त कोविड वैक्सीन की घोषणा करके राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया था। बाद में कई और राज्यों की सरकारों ने भी मुफ्त में टीकाकरण का ऐलान किया। हालांकि बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय ने विवाद को खत्म करने की कोशिश में कहा था कि वैक्सीन सबके लिए मुफ्त होगी। इसके बावजूद कांग्रेस ने इस चुनावी वादे के लिए सरकार को घेरे रखा है।
राहुल गांधी ने क्या पूछा था?
वायनाड सांसद ने सोमवार को एक ट्वीट में पीएम से देश को कुछ सवालों के जवाब देने को कहा था। राहुल ने पूछा था कि
सभी वैक्सीन कैंडिडेट्स में से सरकार कौन सी चुनेगी और क्यों?
किसे वैक्सीन पहले मिलेगी और डिस्ट्रीब्यूशन की रणनीति क्या होगी?
क्या मुफ्त टीकाकरण के लिए PM CARES फंड का इस्तेमाल होगा?
सभी भारतीयों को कब तक टीका लग जाएगा?
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए क्या जवाब?
हर्षवर्धन ने फाइजर की वैक्सीन को दौड़ से बाहर बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए प्रॉयरिटी ग्रुप्स की पहचान हो गई है। और सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगेगा। डिस्ट्रीब्यूशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट ग्रुप ने पूरा प्लान बना लिया है। वैक्सीन के लिए फंडिंग पर हर्षवर्धन ने कहा कि बजट में इसका अलॉटमेंट होगा। सभी भारतीयों को कब तक टीका लगेगा, यह तो स्वास्थ्य मंत्री ने नहीं बताया मगर उन्होंने कहा कि पहले प्रॉयरिटी ग्रुप्स, फिर धीरे-धीरे पूरी आबादी को टीका लगाया जाएगा।
वैक्सीन में किसी राज्य को नहीं मिलेगी प्राथमिकता
वैक्सीन को लेकर राजनीति की संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि सभी राज्यों को आबादी के हिसाब से वैक्सीन मिलनेगी। उन्होंने कहा कि राज्य नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप का हिस्सा हैं। तकनीकी एक्सपर्ट्स से सलाह-मशवरा करके यह ग्रुप प्रॉयरिटी ग्रुप्स का डेटाबेस बना रहा है। हर्षवर्धन ने कहा, “दबाव बनाकर किसी को वैक्सीन नहीं मिलेगी। हम पहले हेल्थकेयर वर्कर्स को कवर करेंगे फिर पूरी आबादी को।” सरकार पूरे टीकाकरण अभियान का कंट्रोल अपने हाथ में रख सकती है। निजी क्षेत्र को केवल डोज देने के लिए शामिल किया जा सकता है।
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