नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष (current financial year) में स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) महंगा हो सकता है। इसका कारण मेडिकल सेक्टर (medical sector) की महंगाई (inflation) और कोविड संबंधी दावों (Covid claims rise) में वृद्धि से बीमा कंपनियों पर दबाव बढ़ना है। कई बीमा कंपनियों (insurance companies) ने खुदरा स्वास्थ्य बीमा उत्पादों को महंगा कर दिया है। वहीं कई कंपनियां आने वाले महीनों में कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। इंडस्ट्री से जुड़े एक एक्जीक्यूटिव का कहना है कि पिछले साल कोविड संबंधी ज्यादा दावों के कारण बीमा कंपनियां प्रभावित हुई हैं।
खुदरा स्वास्थ्य उत्पादों की कीमत में कुछ कंपनियां 15 फीसदी तो कुछ कंपनियां 20 फीसदी की बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं। इसके अलावा बीमा कंपनियां कोविड-19 महामारी से जुड़े प्रोटोकॉल के साथ मेडिकल क्षेत्र की महंगाई को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी की तैयारी कर रही हैं।
इन कंपनियों ने बढ़ाई कीमत:
लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए मणिपाल सिग्ना प्रोहेल्थ और स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस ने खुदरा उत्पादों की कीमत में बढ़ोतरी कर दी है। दोनों कंपनियों ने स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के प्रीमियम में क्रमश: 14 फीसदी और 15 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक प्रसून सिकदर का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण उपचार संबंधी प्रोटोकॉल में कई बदलाव आए हैं। इससे दावों की लागत बढ़ी है। इसको देखते हुए हमने तीन साल बाद स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की कीमत बढ़ाई है। वहीं स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक आनंद रॉय का कहना है कि अभी हमने प्रमुख उत्पादों की कीमत बढ़ाई है। अन्य उत्पादों का मूल्यांकन किया जा रहा है। यदि आवश्यकता महसूस हुई तो अन्य उत्पादों की कीमत भी बढ़ाई जाएगी।
कोविड संबंधी दावे बढ़ने की संभावना
हाल ही में मोतीलाल ओसवाल ने रेटिंग एजेंसी इक्रा के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में कुल स्वास्थ्य दावों में कोविड संबंधी दावों की हिस्सेदारी करीब छह फीसदी थी। वित्त वर्ष 2021-22 में इनकी हिस्सेदारी बढ़कर 11 से 12 फीसदी तक पहुंच सकती है।
एशियाई देशों में मेडिकल महंगाई दर (% में)
भारत 14
चीन 12
इंडोनेशिया 10
वियतनाम 10
फिलीपिंस 09
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