इंदौर। कोरोना तो समाप्त हो गया, मगर दूसरी वायरल बीमारियों से पीछा नहीं छूट रहा है। बीते कुछ महीनों से मलेरिया-डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस साल साढ़े 400 से अधिक डेंगू मरीज अभी तक चिन्हित किए जा चुके हैं। लिहाजा इन मच्छरजनित डेंगू और मलेरिया की बीमारी से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। अभी दिसम्बर माह में हालांकि डेंगू के मरीजों में कुछ कमी भी आई और बीते दिनों में 8 मरीज पाए भी गए। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वह लार्वानाशक दवाइयों के छिडक़ाव के साथ सर्वे करा रही है और 71 हजार से अधिक घरों में यह सर्वे भी कर लिया।
हालांकि डेंगू, मलेरिया के मरीजों की संख्या सरकारी आंकड़े से कहीं ज्यादा है, क्योंकि कई लोग निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में इलाज करवा लेते हैं, जिनकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंचती। उसके अधिकांश आंकड़े सरकारी अस्पतालों से ही संबंधित रहते हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया, डेंगू से बचाव की एडवाइजरी भी आमजन के लिए जारी की है, जिसमें कहा कि मच्छरजनित बीमारियों में मलेरिया सबसे प्रचलित बीमारी है। यह बीमारी मादा एनाफिलीज़ मच्छर के काटने से होती है। ठंड लगकर बुखार आना मलेरिया का प्रमुख लक्षण हैं । मलेरिया की जांच एवं दवाईयां सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क प्रदान की जाती है। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं से संपर्क कर भी जांच करवाई जा सकती है। मलेरिया के इलाज के लिए प्रमाणिक एवं सुरक्षित दवाएं उपलब्ध हैं। मच्छरों से होने वाली बीमारी डेंगू की पहचान सही समय पर ना किये जाने पर घातक रूप ले सकती है।
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