उज्जैन। ठंड यानी सर्दी का मौसम शुरू होते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। इस सीजन में हर साल जन्म से लेकर 5 साल तक के बच्चे निमोनिया और सांस से सम्बंधित बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। समय पर उचित जांच और इलाज नहीं होने की वजह से कई बच्चों की मृत्यु तक हो जाती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने कल से जनजागरण के लिए श्वास यानी सांस अभियान शुरू किया है।
गम्भीर को बड़े अस्पतालों में भेजा जाएगा
इस जनजागरण सम्बन्धित श्वास अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, श्रम विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का सहयोग लिया जा रहा है। अभियान के दौरान एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर निमोनिया रोग की न सिर्फ पहचान की जाएगी, बल्कि उसका तात्कालिक इलाज करने के अलावा बच्चों के परिजनों को परामर्श भी दिया जाएगा। इतना ही नही गंभीर निमोनिया के लक्षण नजर आने पर संस्था आधारित सेवाओं के लिए उन्हें बड़े सरकारी अस्पतालों में रैफर किया जाएगा।
यह लक्षण हैं तो सावधान हो जाएं
यदि नवजात से लेकर 5 साल तक के बच्चों में श्वास यानी सांस लेने में तकलीफ होना, शिशु के स्तनपान करने में असमर्थ होना, मतलब मां का दूध नहीं पीते बनना, तेज सांस चलना, पसलियों का भीतर की तरफ धंसना, बच्चे का एकदम सुस्त या अचानक बेहोश हो जाना, यदि ये लक्षण नजर आते हैं तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र अथवा संस्था पर चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
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