नई दिल्ली। व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा (Personal Health Insurance) कराने वाले लोगों का सालाना प्रीमियम कम (Low Annual Premium) हो सकता है। आगामी जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम (Health and Life Insurance Premiums) पर कर दरों को कम किए जाने की संभावना है। इसमें किसी एक व्यक्ति के नाम पर कराए गए स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किया जा सकता है। इसके साथ ही, पांच लाख तक का सालाना कवर वाले स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी की दर को कम किए जाने का प्रस्ताव है।
आईटीआर में छूट का लाभ नहीं
सूत्रों का कहना है कि मंत्री-समूह की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है कि अगर कोई एकल श्रेणी में स्वास्थ्य बीमा कराया गया है तो उसे पांच फीसदी जीएसटी के स्लैब में शामिल किया जाए, लेकिन ऐसे बीमा पर पांच फीसदी जीएसटी देने के बाद आयकर रिटर्न के दौरान छूट का लाभ नहीं मिलेगी।
दरअसल, स्वास्थ्य बीमा दो श्रेणी में आता है। पहला वह बीमा होता है, जिसमें एक व्यक्ति शामिल होता है। दूसरे में परिवार के बाकी सदस्यों को भी शामिल किया जाता है, जिसे ग्रुप इंश्योरेंस कहा जाता है। अब एकल बीमा पर जीएसटी को कम करने का सुझाव है।
उधर, मंत्री-समूह ने जीवन बीमा पॉलिसी पर भी जीएसटी की दरों को कम करने का भी सुझाव दिया है, लेकिन कितना कम करने का सुझाव दिया है, इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा को किफायती बनाए जाने की सिफारिश की गई है।
इसमें बुजुर्गों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर पांच फीसदी किए जाने का भी सुझाव है। समूह के प्रस्तावों पर अंतिम मुहर 21 दिसंबर को होने वाली परिषद की बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद ही लगेगी।
35 फीसदी जीएसटी की स्लैब पर अभी कोई फैसला नहीं
बीते काफी दिनों से चर्चा है कि सरकार विलासिता की वस्तुओं और सिगरेट, तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों पर 35 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने के लिए नया स्लैब लेकर आ रही है। इसको लेकर मंत्री-समूह की तरफ से सिफारिश की गई है लेकिन बीते दिनों वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि 35 फीसदी के स्लैब को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं है और न ही ऐसे किसी स्लैब का प्रस्ताव अभी तक जीएसटी परिषद को मिला है।
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