माकड़ोन (मनीष शर्मा)। नगर सरकार के चुनावों में पार्षद पद हेतु भाजपा और कांग्रेस में फूट पड़ गई हैं। कल जहाँ कांग्रेसी प्रत्याशी घोषित हो गए वहीं परसों भाजपा ने भी पार्षद के उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। जैसा की शुरू से ही लग रहा था कि दोनों ही राजनैतिक दलों मे असंतोष भड़केगा वैसा ही माजरा अधिकृत उम्मीदवार घोषित करते ही देखने को मिल रहा है। नगर के 15 ही वार्डों में टिकिट से वंचित नेताओं की जमात अपनी ही पार्टी के नेताओं पर सांठगांठ, गुटबाजी, पक्षपात का आरोप मढ़ते हुए निर्दलीय चुनाव में कूद पड़े हैं। नाम वापसी की अंतिम तारीख 22 जून तक होगी लिहाजा रूठों को मनाकर पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में नाम वापसी के प्रयास दोनों ही राजनैतिक दलों के नेताओं के द्वारा कीए जाएंगे। अग्निबाण ने पहले ही दोनों पार्टियाँ में चल रही मनमानी ओर गुटबाजी की ओर इशारा करते हुए संगठन कमजोर बताए थे वहीं स्थिती अब देखने को मिल रही है।
भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारी ओर टिकट वितरण से खफा असंतुष्ट नेता अपनी ढपली अपना राग की तर्ज पर खुद को अपनी पार्टी का निष्ठावान सिपाही बताते नहीं थक रहे है। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही राजनैतिक दलों में टिकट वितरण में मुख्य भूमिका निभाने वाले नेताओं के तोते उड़ गए हैं, अब ऊपरी स्तर पर बात करते हुए। गुप्त बैठक कर नफा नुकसान का आकलन कर असंतुष्टों को साधने का काम किया जाएगा, लेकिन इतने भारी विरोध के बाद कांगे्रस भाजपा दोनों के खफा नेताओं को साधने का काम लोहे के चने चबाने के समान होगा, क्योंकि महज औपचारिकता पूरी करते हुए मनमाने ढंग से टिकट वितरण का आरोप दोनों ही राजनैतिक दलों के नाराज हुए नेता संगठन पर लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर जमकर जुबानी जंग शुरू हो गई है और एक दूसरे पर आरोप, प्रत्यारोप, शिकवा, शिकायत के साथ तल्ख टिप्पणियाँ भी एक दूसरे पर की जा रही हैं। सभी वार्डों में बागी उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल करते हुए अपनी पार्टी को बौना साबित करते हुए जन समपर्क शुरू कर दिया है। अब देखना है दोनों ही दल बागियों को मनाने मे कितने सफल हो पाते हैं।
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