जबलपुर। कुर्बानी का पर्व ईद उल अजहा पूरी दुनिया के साथ शहर में भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरुवार को सुबह 6 बजे से 10.30 बजे तक शहर की तमाम ईदगाहों, मस्जिदों और नमाजगाहों में ईद उल अजहा की नमाज अता की गई। रानीताल सदर गोहलपुर ईदगाह में जहां नमाजियों की भारी तादाद रही, वही मुस्लिम क्षेत्र की तमाम मस्जिदों में भी खासी भीड़ रही। नमाज के बाद दुआएं की गई और सभी ने एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की। इसके बाद घरों में कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ। गुरुवार को कुर्बानी का पर्व ईदुज्जुहा परम्परागत आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। रानीताल ईदगाह में सुबह 10.30 बजे शहजादा ए नायबे मुफ्ती ए आज़म सूफी जियाउल हक कादरी बुरहानी ने ईद की नमाज़ अता कराई। नमाज के पहले अपनी तकरीर में मौलाना साहब ने कौम को एकजुट रहने का आह्वान किया। वही मोमिन ईदगाह गोहलपुर मे सुबह 8 बजे हाफिज मुहम्मद ताहिर साहब ने नमाज़ अता कराई। ईदगाह सदर बाजार में भी सुबह 9 बजे हाफिज मक़सूद अहमद साहब ने नमाज़ अता कराई। उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा स्थित काजी मुहल्ला ईदगाह में सुबह 9.30 बजे हाफिज कारी अमीर अशरफ हुसैनी मियां साहब ने ईदुज्जुहा की नमाज़ अता कराई। इसी तरह शिया जामा मस्जिद जाकिर अली फूटाताल में भी मौलाना हैदर मेहदी ने नमाज़ अता कराई।
मुफ्ती-ए-आजम से अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने की मुलाकात
ईद उल अजहा के मौके पर रानीताल ईदगाह में नमाज अदायगी के बाद जिले के आला अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने मुफ्ती ए आजम मध्य प्रदेश मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी से मुलाकात की और ईद की मुबारकबाद पेश की। रानीताल ईदगाह में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ,पूर्व कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया, कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन और पुलिस अधीक्षक टीके विद्यार्थी भी मुबारकबाद पेश करने पहुंचे। ईद के खास मौके पर शहर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए भी प्रशासनिक अमला और पुलिस अमला संयुक्त रूप से मुस्तैद दिखा। सुबह से ही कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन और पुलिस अधीक्षक टीके विद्यार्थी ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों का भ्रमण किया और शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए जरूरी निर्देश दिए।
क्यों मनाते हैं ईद उल अजहा
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ईद उल अजहा का पर्व 12वें महीने की 10 तारीख को मनाया जाता है और रमजान महीने के खत्म होने के 70 दिन बाद ईद उल अजहा आता हैं। इस बार 29 जुलाई गुरुवार को ये पर्व है। ईद-उल-अजहा को बकरीद भी कहा जाता है। बकरीद कुर्बानी का पर्व है। नमाज के बाद बकरों की कुर्बानी दी जाती है। इस्लामी धर्मग्रंथो के अनुसार लगभग 5 हजार साल पहले पैगंबर हजऱत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला के हुक्म पर अपने प्रिय फरजंद हजऱत इस्माईल अलैहिस्सलाम को कुर्बानी के वास्ते पेश किया था। दरअसल ये एक इम्तेहान था जिसमें हजऱत इब्राहिम अलैहिस्सलाम कामयाब हुए और खलीलल्लाह कहलाए। हजऱत इस्माईल अलैहिस्सालाम के बदले मे एक चौपाए की कुर्बानी क़ुबूल हुई। कुर्बानी की इस महान यादगार के उपलक्ष्य में हर साल दुनिया भर के मुसलमान ईद उल अजहा मनाते हैं। अजहा आता हैं। इस बार 29 जुलाई गुरुवार को ये पर्व है। ईद-उल-अजहा को बकरीद भी कहा जाता है। बकरीद कुर्बानी का पर्व है। नमाज के बाद बकरों की कुर्बानी दी जाती है। इस्लामी धर्मग्रंथो के अनुसार लगभग 5 हजार साल पहले पैगंबर हजऱत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला के हुक्म पर अपने प्रिय फरजंद हजऱत इस्माईल अलैहिस्सलाम को कुर्बानी के वास्ते पेश किया था। दरअसल ये एक इम्तेहान था जिसमें हजऱत इब्राहिम अलैहिस्सलाम कामयाब हुए और खलीलल्लाह कहलाए। हजऱत इस्माईल अलैहिस्सालाम के बदले मे एक चौपाए की कुर्बानी क़ुबूल हुई। कुर्बानी की इस महान यादगार के उपलक्ष्य में हर साल दुनिया भर के मुसलमान ईद उल अजहा मनाते हैं।
मुस्लिम इलाकों में खासी चहल-पहल
ईद उल अजहा के खास मौके पर मुस्लिम बहुल इलाकों में त्योहार की रौनक देखते ही बनती है। नमाज और कुर्बानी के बाद दांतो का दौर शुरू हुआ, जो देर शाम तक चलता रहा। इसके अलावा कुर्बानी का तबररूक बांटने का क्रम जारी रहा।
चौक चौराहों पर पुलिस रही मुस्तैद
त्यौहार के मद्देनजर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पुलिस मुस्तैद रही। खास तौर पर ईदगाहों और मस्जिदों के इर्द-गिर्द पुलिस बल तैनात रहा। इसके अलावा मुस्लिम क्षेत्र के चौक चौराहों पर भी पुलिस ने खासी सुरक्षा का प्रबंध किया।
कई मस्जिदों में दो जमातें हुई
शहर में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते मुस्लिम बहुल क्षेत्र की मस्जिदों के सामने मैदान और सड़क गीला होने के कारण नमाज नहीं हो सकी। इसके चलते कई मस्जिदों में दो बार जमात कराई गई। दो अलग-अलग वक़्तों में हुई नमाज में भी भारी तादाद में नमाजियों ने शिरकत की। मंडी मदार टेकरी स्थित जामा मस्जिद में सुबह 7:30 बजे और 9 बजे जमाते हुई। इसी तरह मुस्लिम बहुल इलाकों की अधिकांश मस्जिदों में दो बार जमात हुई। जिससे नमाजियों को मस्जिद के अंदर ही जगह मिल सके।
सिहोरा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईद उल अजहा का पर्व
मुस्लिम धर्मावलंबियों का प्रमुख त्योहार ईद उल अजहा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मुस्लिम धर्मावलंबियों ने बरसात के कारण सिहोरा की मस्जिदों में ईद उल अजहा की नमाज अदा की, पठानी मोहल्ला जामा मस्जिद में कारी वजीहुद्दीन साहब,नूरी मस्जिद पुराना बस स्टैंड में हाफिज तौसीफ रजा ,हुसैनिया मस्जिद नया मोहल्ला में मौलाना असीरुद्दीन साहब ,मदीना मस्जिद आजाद चौक में साकिर मिस्बाही एवं उप नगर खितौला मे हाफिज यूसुफ रजा साहब ने नमाज पढ़ाई, ईद उल अजहा की नमाज के दौरान नमाज क्षे्रत्र के आसपास सिहोरा नगरपालिका एवं पुलिस प्रशासन का अमला मुस्तैद रहा, नमाज के उपरांत सभी ने गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी, कौमी एकता की मिसाल पेश करने वाले टुन, टुन महाराज अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी कमी आज भी मुस्लिम समाज को याद आती है, पिछले 25 सालों से ठंडी गर्मी या बरसात हो हमेशा की तरह टुन टून महाराज मुस्लिम समाज के लोगों को गले मिलकर बधाई देते रहे, आज महाराज दुनिया में नहीं हैं मुस्लिम समाज ने इस अवसर पर उनको याद किया। वर्षा के कारण ईदगाह में नमाज नहीं पढ़ी गई ,लेकिन फिर भी सिहोरा के समाजसेवी वसीम तेजाब ने परंपरा अनुसार ईदगाह पहुंचकर अकेले नमाज अदा की, वसीम तेजाब का कहना है कि परंपरा कायम रहे और ईदगाह नमाज से खाली ना रहे इसलिए मैं रस्म अदायगी के लिए नमाज पढऩे आया हूं।
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