डेस्क: रणदीप हुड्डा विनायक दामोदार सावरकर पर फिल्म लेकर आ रहे हैं. इसका नाम ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ है. सोमवार को मुंबई में इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च इवेंट था, जिसमें रणदीप हुड्डा ने सावरकर को लेकर कई दावे किए. सावरकर के माफी विवाद और उन्हें माफीवीर कहे जाने पर रणदीप हुड्डा ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सावरकर माफीवीर नहीं थे.
माफीवीर कहे जाने पर रणदीप हुड्डा ने कहा, “आज के दौर में सावरकर के बारे में सुनने पर आपके दिमाग में सबसे पहला शब्द क्या आता है? माफीवीर? वो माफीवीर नहीं थे.” उन्होंने कहा कि उस वक्त बेल के लिए पिटीशन डाली जाती थी. हर किसी का ये अधिकार था कि कोर्ट में याचिका डाले.
जेल जाने और बाहर आने पर कही ये बात
रणदीप हुड्डा ने कहा कि सभी जानते हैं कि कोर्ट में जब याचिका लगाते हैं तो भाषा कैसी होती है. भाषा मर्यादित होती है. उन्होंने कहा कि अगर आपको कालापानी में 15 साल की सजा होती है तो आप 7/11 के जेल के कमरे में आराम नहीं करेंगे और ये नहीं सोचने लगेंगे कि ये कमरा ही अगले 15 साल के लिए आपका रिजॉर्ट होने वाला है.
रणदीप ने कहा कि आप वहां से निकलने के लिए साम दाम दंड भेद, कुछ भी करेंगे ताकी वहां से बाहर निकल सके. उन्होंने इस दौरान एक डायलॉग भी कहा. उन्होंने कहा, “दुश्मन को किए वादे, निभाए नहीं जाते.” इस दौरान उन्होंने कहा कि सावरकर हिम्मतवाले थे और वो कायर नहीं थे.
सावरकर की फिलॉसफी बताई
रणदीप हुड्डा ने इस मौके पर सावरकर की फिलॉसफी का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, “हिंदुत्व पर उनकी फिलॉसफी थी कि देश, धर्म से ऊपर होता है. सिंधू नदीं से सिंधू सागर तक जो भी यहां रहते हैं और जो भी यहां कि जमीन को अपनी मात्रभूमि मानते हैं. यहां कि संस्कृति, त्योहार, खानपान को अपना मानते हैं वो हिंदू हैं. चाहे वो किसी भी धर्म, जात या समाज के क्यों न हों.”
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