नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) के एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) को नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर चेतावनी पत्र जारी किया गया है। यह चेतावनी पत्र भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) (Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने जारी किया है। एचडीएफसी बैंक ने शेयर बाजार (Stock market) को दी सूचना में कहा कि बैंक के कामकाज के समय-समय पर होने वाले निरीक्षण के बाद सेबी ने कुछ नियामकीय दिशानिर्देशों का कथित तौर पर अनुपालन नहीं करने के लिए एक प्रशासनिक चेतावनी पत्र जारी किया है। बैंक ने कहा कि ऐसे पत्र में खामियों को दूर करने के लिए वह आवश्यक कदम उठाएगा। इससे पहले, सेबी ने दिसंबर, 2024 में मर्चेंट बैंकिंग गतिविधि से संबंधित नियामकीय गैर-अनुपालन के लिए एचडीएफसी बैंक को एक प्रशासनिक चेतावनी पत्र जारी किया था।
को-लोकेशन मामले में जुर्माना
सेबी ने एनएसई को-लोकेशन के मुद्दे के संबंध में बाजार सर्वर तक अनुचित पहुंच के मामले में बुधवार को शेयर ब्रोकर ओपीजी सिक्योरिटीज और इसके निदेशकों पर 5.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। सेबी ने उन्हें 45 दिनों के भीतर जुर्माना देने का निर्देश दिया है।
एनएसई ‘को-लोकेशन’ से मतलब ऐसी सुविधा से है, जहां कारोबारी सदस्य अपने सर्वर को एक्सचेंज के परिसर में रख सकते हैं। इससे बाजार के आंकड़ों और ऑर्डर निष्पादन तक पहुंच अपेक्षाकृत तेज होती है। इसके अलावा, सेबी ने ओपीजी सिक्योरिटीज और संजय गुप्ता पर नियामक की आचार संहिता का अनुपालन न करने और जांच में बाधा डालने के लिए क्रमशः 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
सेबी ने निवेश सलाहकारों को दी ये अनुमति
सेबी ने निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों को एक वर्ष तक अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति दे दी है। मौजूदा नियमों के तहत, निवेश सलाहकार (आईएएस) ग्राहक के सहमत होने पर दो तिमाहियों तक के लिए अग्रिम शुल्क ले सकते हैं, जबकि शोध विश्लेषकों (आरएएस) के लिए सिर्फ एक तिमाही के लिए शुल्क लेने की अनुमति थी।
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