नई दिल्ली. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital) में 14 अगस्त की रात हुई तोड़फोड़ (Demolition) पर सख्त टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि यह घटना राज्य मशीनरी की पूर्ण नाकामी का सबूत है.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि अस्पताल को बंद किया जाए और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाए. इस दौरान अदालत में मौजूद पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि वहां पुलिस बल मौजूद था. इस पर चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वे तो अपने लोगों की ही सुरक्षा नहीं कर सके. यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करेंगे?
चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार से कहा कि इस घटना के बाद आप क्या उपाय कर रहे हैं? एहतियात के तौर पर क्या कदम उठाए गए थे? इस पर सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि दोपहर तीन बजे सीबीआई जांच के निर्देश दिए गए थे.
हाईकोर्ट ने 14 अगस्त की रात आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले पर विचार करते हुए राज्य सरकार से कहा कि हमने अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद मिले ईमेल के कारण ही मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
दरअसल हाईकोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और सबूत मिटाने की कोशिशों की जांच और एक्शन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की.
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