इंदौर (Indore)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच (Indore Bench of Madhya Pradesh High Court) ने 40 साल के व्यक्ति को उसकी 31 वर्षीय पत्नी के साथ अप्राकृतिक सेक्स (unnatural sex) करने के आरोप से बरी कर दिया है। मौजूदा कानूनी प्रावधानों और न्याय दृष्टांतों के हवाले से अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि वैवाहिक संबंध बरकरार रहने के दौरान पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ किसी भी तरह के यौन कृत्य को बलात्कार नहीं माना जा सकता। ऐसे में पत्नी की सहमति का कोई महत्व नहीं रह जाता, बशर्ते पत्नी 15 साल से कम उम्र की ना हो।
हाईकोर्ट के जस्टिस प्रेम नारायण सिंह ने 40 वर्षीय व्यक्ति की याचिका 28 मई को आंशिक तौर पर मंजूर कर ली थी, जिसमें उसने अपनी पत्नी की पिछले साल दर्ज कराई एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई थी।
हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने स्पष्ट किया कि उसके इस आदेश में उसका कोई भी नजरिया या टिप्पणी गुण-दोष के आधार पर कानूनी प्रावधानों के मुताबिक फैसला करने में उस निचली अदालत के लिए किसी भी रूप में बंधनकारी नहीं होगी जो इस मामले की सुनवाई कर रही है।
महिला ने अपने पति के खिलाफ मंदसौर जिले में 2023 के दौरान एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसके पति और ससुराल पक्ष के लोगों ने 20 लाख रुपये के दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि उसके पति ने उसके साथ वर्ष 2022 में अप्राकृतिक सेक्स किया था, जिस कारण उसे इंफेक्शन हो गया था और उसे अपना इलाज कराना पड़ा।
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