जबलपुर: मध्य प्रदेश में साल 2009 से लेकर 2013 के बीच पैरा मेडिकल कॉलेजों में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आखिरकार घोटाले के दोषी कॉलेजों से अब तक कितनी रिकवरी की है. जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी इस संबंध में 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है.
हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती
मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि आखिरकार अब तक घोटाले के दोषी पैरा मेडिकल कॉलेजों से घोटाले की राशि क्यों नहीं वसूल की गई. हाईकोर्ट ने सरकार से 2 हफ्ते में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. बता दें 2016 में हाईकोर्ट ने दोषी कॉलेजों से रिकवरी के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी सरकार दोषी कॉलेजों से अब तक राशि की रिकवरी नहीं कर पाई है.
2009 से 13 के बीच में हुआ घोटाला
प्रदेश में 2009 से लेकर 2013 के बीच 97 पैरा मेडिकल कॉलेजों से करोड़ो रुपए कि छात्रवृत्ति घोटाले का मामला सामने आया था. वकील विशाल बघेल ने घोटाले का खुलासा किया था. सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक, एक ही स्टूडेंट का कई पैरा मेडिकल कॉलेजों में नाम दर्ज कर उस स्टूडेंट के नाम से छात्रवृत्ति की राशि निकाल दी गई थी.
15 में से वसूले महज 1.23 करोड़
इस मामले का खुलासा होने के बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने 2016 में दोषी कॉलेजों से छात्रवृत्ति की राशि को रिकवर करने का आदेश दिया था. इसके बाद RTI में यह जानकारी निकलकर सामने आई कि सरकार ने अब तक महज 1 करोड़ 23 लाख रुपए ही वसूल किए हैं, जबकि इन दोषी कॉलेजों से करीब 15 करोड़ की राशि वसूल करना था.
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