लखनऊ। प्रदेश में हाथरस प्रकरण को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है। अब जनता भी ऐसे ही इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ की चौखट तक खींच के ले जाएगी। भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है। कपटियों का लबादा उतरते अब देर नहीं लगेगी।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हाथरस में भाजपा सरकार सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए कोई पाबंदी नहीं लगा रही है। लेकिन, जनता और विपक्ष को धारा 144 के नाम से बाधित कर रही है। मृतक के गाव-क्षेत्र में सपा के नेता व कार्यकर्ता दो दिनों से अघोषित बंदी बना के रखे गये हैं। घोर निंदनीय!
गुरुवार की सुबह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अलीगढ़ से हाथरस के बुलगढ़ी की ओर जा रहे थे। हाथरस के कोतवाली सासनी क्षेत्र में पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इससे भड़के सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। थाने पर तोड़फोड़ भी की। सपा ने पुलिस पर सामूहिक दुष्कर्म मामले में सच्चाई दबाने के लिए दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं। यूपी की जनता की सुख-शांति अमन चैन अपराधी, माफिया, सत्ता के भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ गई है। पूरा का पूरा सिस्टम भ्रष्ट और फेल हो चुका है। योगी जी से उत्तर प्रदेश संभल नहीं रहा है, केंद्र सरकार तत्काल यूपी में राष्ट्रपति शासन लागू करे। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी आज प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की।
हाथरस जनपद की सारी सीमाएं सील कर दी गई हैं। साथ ही पूरे जिले में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी गुरुवार सुबह पीड़ित के गांव पहुंची है। टीम ने वहां स्वजनों के बयान दर्ज कर किए और उनसे बातचीत की। (एजेंसी, हि.स.)
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