लखनऊ। हाथरस प्रकरण का पूरा सच उजागर करने और गुनाहगारों को सजा दिलाने के लिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद भी विपक्ष इस मुद्दे पर हमलावर बना हुआ है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने विपक्षी नेताओं पर पुलिस लाठीचार्ज को शर्मनाक बताते हुए सरकार को अपने अंहकारी और तानाशाह रवैया बदलने की नसीहत दी है।
मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया कि हाथरस सामूहिक दुष्कर्म काण्ड के बाद सबसे पहले पीड़ित परिवार से मिलने व सही तथ्यों की जानकारी के लिए वहां 28 सितम्बर को बसपा प्रतिनिधिमण्डल गया था, जिनकी थाने में ही बुलाकर उनसे वार्ता कराई गई थी। वार्ता के बाद मिली रिपोर्ट अतिःदुखद थी, जिसने मुझे मीडिया में जाने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद वहां मीडिया के जाने पर भी उनके साथ हुई बदसलूकी तथा कल व परसों विपक्षी नेताओं व लोगों के साथ पुलिस का हुआ लाठीचार्ज आदि अति-निन्दनीय व शर्मनाक है। बसपा सुप्रीमो ने सरकार को अपने इस अहंकारी व तानाशाही वाले रवैये को बदलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वरना इससे लोकतन्त्र की जड़ें कमजोर होंगी।
इससे पहले उन्होंने रविवार को कहा था कि हाथरस सामूहिक दुष्कर्म काण्ड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक है। हालांकि सरकार सीबीआई जांच हेतु राजी हुई है, किन्तु उस डीएम के वहां रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे होे सकती है? लोग आशंकित हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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