हाथरस/कानपुर. उत्तर प्रदेश (UP) के हाथरस (hathras) में सत्संग के बाद हुई भगदड़ की घटना से पूरा देश हिल गया है. बाबा के दरबार (Baba’s Darbar) में लाशों का अंबार लग गया. देखते ही देखते पूरा परिसर श्मशान (crematorium) बन गया. इस घटना में अभी तक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस सत्संग का आयोजन नारायण सरकार हरि नाम (Narayan Sarkar Hari Naam) का बाबा कर रहा था. बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए एक लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे.
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब सत्संग खत्म हुआ तो बाबा से मिलने के लिए महिलाएं उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ीं, जिसके बाद भगदड़ मच गई. बहुत ज्यादा भीड़ और गर्मी थी. लोग जल्दी बाहर निकलने के चक्कर में भागने लगे. मिट्टी भी गीली थी, कीचड़ था. कई लोग फिसल गए. अगर प्रशासन मुस्तैद होता तो हादसा टल सकता था.
घटना में कई लोग घायल हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है. हाथरस के जिला अस्पताल में मौजूद कुंवर पाल ने कहा कि उनके साढ़े तीन साल के भतीजे की मौत हो गई है. अभी तक उसकी मां की कोई खबर नहीं है. परिवार मां की तलाश में अलग-अलग अस्पतालों के चक्कर काट रहा है.
कुंवर पाल ने बताया कि साढ़े तीन साल का भतीजा अपनी मां के साथ समागम में गया था. कुंवर पाल ने कहा कि बाबा को सामने आना चाहिए, क्योंकि इतना बड़ा हादसा हो गया है. लोग मर गए. उनके परिवार वाले काफी परेशान हैं.
वहीं मेहताब नाम के शख्स ने कहा कि वो अलीगढ़ के रहने वाले हैं. उनकी पत्नी बाबा को काफी मानती हैं. उन्होंने कई बार पत्नी गुड़िया देवी को बाबा के सत्संग में जाने के लिए मना किया था, लेकिन वह नहीं मानी. पत्नी घर के पड़ोस में रहने वाली चाची, अपनी बेटी और बहन के साथ समागम में गई थी. वहां भगदड़ मच गई. भगदड़ की वजह से बेटी बच गई, लेकिन तीनों महिलाओं की मौत हो गई. मेहताब ने कहा कि बाबा कोई भगवान नहीं है, वह बहुत बड़ा ढोंगी है, उसको सामने आना चाहिए.
भाजपा विधायक असीम अरुण बोले- जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी
हाथरस में हुई भगदड़ की घटना को लेकर भाजपा विधायक असीम अरुण ने कहा कि मैंने घटना में घायलों से बात की है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार 116 लोगों की मौत हो गई है और 22 लोगों का अलीगढ़ और हाथरस के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. 20 शव हैं, जिनकी हम पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी. डीजी जोन आगरा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. यह देखना होगा कि विभिन्न एजेंसियों ने अपना काम किया है या नहीं.
सूरजपाल है बाबा का मूल नाम, 1990 में छोड़ दी थी पुलिस की नौकरी
भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर के मूल निवासी हैं. सूरजपाल ने साल 1990 के दशक के अंत में एक पुलिसकर्मी के रूप में नौकरी छोड़ दी थी और प्रवचन देना शुरू किया था. बाबा ने ‘सत्संग’ (धार्मिक उपदेश) करना शुरू कर दिया. सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है. सत्संग में बाबा की पत्नी भी साथ रहती हैं. वह अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आते हैं. बहादुर नगर में आश्रम स्थापित करने के बाद भोले बाबा की प्रसिद्धि गरीबों और वंचित वर्गों के बीच तेजी से बढ़ी और लाखों लोग अनुयायी बन गए.
घटना को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
घटना को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली है. स्थानीय आयोजकों ने ‘भोले बाबा’ का कार्यक्रम आयोजित किया था. कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रचारक नीचे आ रहे थे, अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ उन्हें छूने के लिए बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने रोका तो वहां हादसा हो गया.
सीएम ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है. उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देनी है. घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी वहां कैंप कर रहे हैं. राज्य सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, असीम अरुण तीनों घटनास्थल पर हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज हाथरस पहुंचेंगे. वे यहां सत्संग में मची भगदड़ को लेकर अधिकारियों से जानकारी लेंगे.
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