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हाथरस मामले में कांग्रेस ने कहा, डीएम को हटाया जाए और मामले की हो न्यायिक जांच

October 05, 2020

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में प्रशासन और पुलिस के व्यवहार तथा जांच संबंधी कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है। प्रमुख विपक्षी पार्टी का कहना है कि सरकार पूरे मामले में तथ्यों को छुपाने और पीड़ित परिवार के साथ बुरा बर्ताव करने वाले डीएम को बचाने में लगी है। कांग्रेस ने मांग की है कि डीएम को अविलंब बर्खास्त करते हुए परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तथा पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। इसके अलावा कांग्रेस ने कर्नाटक में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी को राजनीतिक दांव-पेंच करार दिया है। पार्टी का कहना है कि यह सारे हथकंडे सिर्फ डराने के लिए है लेकिन कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं है।

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने सोमवार को पत्रकारवार्ता में कहा कि बीते दिन पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कुछ सवाल उठाए थे, जिसका जवाब सरकार को देना चाहिए। वैसे भी यह सवाल सिर्फ प्रियंका जी के नहीं हैं, बल्कि पीड़ित परिवार की ओर से प्रियंका जी ने सिर्फ इसे आवाज दी है। उन्होंने कहा कि हाथरस के पीड़ित परिवार के अनुसार सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था। उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें अविलंब बर्खास्त कर पूरे मामले में उनके रोल की जांच हो। परिवार न्यायिक जांच माँग रहा है तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला करके एसआईटी की जांच जारी है। यूपी सरकार यदि जरा भी नींद से जागी है तो उसे परिवार की बात सुननी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हाथरस मामले में कई सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब सामने नहीं आया है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार इन सवालों के उत्तर तलाशे। उन्होंने कहा कि एक श्रेणी के लोग पीड़िता के परिवार को धमका रहें है और उत्तर प्रदेश की सरकार सिर्फ देख रही है। उनके खिलाफ कार्यवाही कब होगी? क्या कारण है जब एक लड़की खेत में मिली, आपने उसका 11 दिन तक फॉरेंसिक इन्वेस्टीगेशन क्यों नहीं कराया? उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की पहली मांग है जिस डीएम ने उनको धमकाया वो आज कुर्सी पर क्यों बैठा है। वहीं एसआईटी की जांच को मजाक बताते हुए सुष्मिता देव ने कहा कि पीड़ित परिवार की मांग है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। इस न्यायिक जांच के तहत हर उस अफसर की जवाबदेही तय करने की जरूरत है जिसने जांच प्रक्रिया को प्रभावित किया है।

वहीं कर्नाटक में सीबीआई छापेमारी को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सारी कोशिश विपक्षी पार्टियों को डराने की साजिश भर है। लेकिन कांग्रेस पार्टी किसी भी साजिश से डरने वाली नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्या कारण है कि जब भी चुनाव होने होते हैं तो सीबीआई और ईडी आदित एक्टिव हो जाती है और विपक्षी खेमे के नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी होने लगती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई का कार्रवाई या फिर रेड से उन्हें समस्या नहीं है, ये सरकारी विभाग का कार्य है लेकिन मेरा प्रश्न सिर्फ इसके समय पर है। चुनाव के समय ही क्यों? कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा इन एजेंसियों का इस्तेमाल विच हंटिंग के तहत करने की निंदा करती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए सुष्मिता देव ने कहा कि उन्होंने दावा किया था कि ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा!’ तो फिर अपने भ्रष्ट सीएम येदियुरप्पा से पूछताछ नहीं किए जाने को लेकर आप क्या स्पष्टीकरण देंगे। आखिर क्यों डीके शिवकुमार के साथ जैसा व्यवहार किया जा रहा है, उससे इतर ट्रीटमेंट येदियुरप्पा को क्यों मिल रहा है? (एजेंसी, हि.स.)

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