हाथरस। यूपी के चर्चित हाथरस केस की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने हाथ में ले ली है। इस बीच इस केस को लेकर रोजाना नया ट्विस्ट आ रहा है। गैंगरेप पीड़िता के घर पर एक फर्जी महिला रिश्तेदार की मौजूदगी और नक्सल लिंक के बीच अब विक्टिम के कुछ रिश्तेदार अचानक वहां से चले गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि विक्टिम के घर की सुरक्षा बढ़ने के बाद ये लोग क्यों और कहां चले गए?
दरअसल, पीड़िता के परिवार की सुरक्षा में पुलिस ने घर के बाहर और अंदर 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। साथ ही एक मेटल डिटेक्टर लगाया है। घर के आसपास फायर बिग्रेड की एक गाड़ी और खुफिया विभाग के कर्मचारी भी तैनात कर दिए गए हैं। इसके बाद से पीड़िता के कुछ रिश्तेदार वहां से चले गए हैं। पीड़ित के परिवार या पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई बयान नहीं आया है।
इस बीच हाथरस कांड के बाद मथुरा में पकड़े गए पीएफआई की शाखा सीपीएफआई के चारों सदस्यों से ईडी पूछताछ करेगा। ईडी इस संबंध में सोमवार को चारों को रिमांड पर लेने के लिए अर्जी दे सकता है। शाहीन बाग मामले में विदेश से फंडिंग की चल रही जांच के तहत ईडी इन चारों को रिमांड पर लेगा। ईडी के अधिकारी के मुताबिक, अगर पूछताछ में हाथरस में जातीय हिंसा भड़काने के लिए फंडिंग की बात सामने आती है तो इस मामले में अलग से केस दर्ज किया जाएगा।
सीबीआई करेगी जांच, नोटिफिकेशन जारी
हाथरस कांड को लेकर सियासी उबाल और कई सवालों के बीच इस केस की जांच के लिए सीबीआई तैयार हो गई है। केंद्रीय कार्मिक विभाग (डीओपीटी) ने जांच को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब टीम जल्द ही केस दर्ज कर हाथरस जाएगी। लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय की निगरानी में गाजियाबाद शाखा मामले की जांच करेगी।
विपक्ष के हमलों के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी को पीड़िता के परिवार से मिलने भेजा था। दोनों अफसरों की रिपोर्ट के आधार पर सीएम ने सीबीआई जांच करवाने की सिफारिश भेजने के निर्देश दिए थे। विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए
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