हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में शुक्रवार शाम हुए भीषण सड़क हादसे में 17 लोगों की जान चली गई. इनमें 16 मृतक एक ही परिवार के थे. मरने वालों में 4 मासूम बच्चे, 4 महिला और 9 पुरुष शामिल हैं. हादसे में 16 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. उनका इलाज चल रहा है. हादसा बहुत ही भयावह था. ओवरटेक करते समय सवारियों से भरी लोडिंग मैक्स गाड़ी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की जनरथ बस से टकरा गई थी. टक्कर लगते ही मैक्स गाड़ी के परखच्चे उड़ गए.
मैक्स गाड़ी में 35 लोग सवार थे. बस की टक्कर से लोडिंग वाहन में सवार लोग ताश के पत्तों की तरह बिखर गए. इनमें कुछ लोग सड़क किनारे झाड़ियों में जा गिरे तो कुछ बीच सड़क पर तड़पने लगे. एक-एक कर 17 लोग अपनी जिंदगी से जंग हार गए. हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई. स्थानीय लोग मदद को दौड़े. पुलिस को सूचना मिली तो तुरंत मौके पर पहुंची. घायलों को आनन-फानन में पहले हाथरस के जिला अस्पताल पहुंचाया. गंभीर घायलों को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज भेजा गया.
भीषण हादसा शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे हाथरस जिले के चंदपा थाना इलाके के बाईपास कपूरा चौराहे के निकट हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मैक्स गाड़ी को किसी दूसरी गाड़ी ने ओवरटेक किया, इस दौरान मैक्स गाड़ी चालक ने बचने की कोशिश की और उसका संतुलन बिगड़ गया. बारिश के कारण सड़क गीली होने से गाड़ी अनियंत्रित हो गई और सामने से आ रही रोडवेज जनरथ बस से टकरा गई. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उसकी आसपास के इलाके में जोरदार आवाज सुनाई दी. मौके पर जब लोग पहुंचे तो बड़ी संख्या में खून से लथपथ लोग सड़क पर पड़े हुए थे.
पुलिस के मुताबिक, दुर्घटनाग्रसत गाड़ी में आगरा के सेमरा गांव के लोग सवार थे. वह अपने रिश्तेदार राजुद्दीन की दादी अंगूरा के चालीसवें में शामिल होने के लिए हाथरस के गांव मुकुंदखेड़ा गए थे. कार्यक्रम से लौटते वक्त वह हादसे का शिकार हो गए. हादसे में सभी मृतक एक ही खानदान के बताए जा रहे हैं. इनमें एक ही परिवार के 12 लोग शामिल हैं. गांव में जब एक साथ 16 शव पहुंचे तो लोग दहाड़े मारकर रोने लगे. पूरे गांव में मातम छा गया. पीड़ित परिजनों का हाल बुरा हो गया. शवों को देख उनके अपने चित्कार उठे. मृतकों में 9 साल का अली जान और 10 साल का अल्फेज भी शामिल है.
बीते दिनों हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 123 लोगों की मौत हुई थी. घायलों को इलाज के लिए हाथरस के जिला अस्पताल लाया गया था, यहां फैली अव्यवस्था से घायलों को इलाज के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इसके बाद भी जिला अस्पताल के हालात नहीं सुधरे. शुक्रवार शाम हुए हादसे के बाद एक बार फिर से जिले के स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई. हादसे के बाद जब घायलों को अस्पताल लाया गया तो डॉक्टरों के हाथ-पैर फूल गए. उनके उपचार के लिए संसाधन कम पड़ गए. जब घायलों को रेफर किया तो अस्पताल पर ऑक्सीजन भी नहीं था. घायलों संबंधियों ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था कर उन्हें इलाज के लिए अलीगढ़ ले गए.
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