नई दिल्ली (New Dehli) । अमेरिका के न्यू जर्सी (new jersey usa)राज्य के नेवार्क शहर में एक इमाम (priest)की गोली मारकर हत्या (kill by killing)कर दी गई है। इमाम को बुधवार (स्थानीय समयानुसार) नेवार्क में एक मस्जिद (a mosque in newark)के बाहर सुबह 6 बजे के करीब गोली मारी गई थी। इमाम को घायल अवस्था में मस्जिद के अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि गोलीबारी किस कारण से हुई, लेकिन न्यू जर्सी के गवर्नर फिल मर्फी ने मस्जिद की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया है।
मारे गए इमाम की पहचान हसन शरीफ के रूप में हुई। परिवहन सुरक्षा प्रशासन (TSA) के एक बयान के अनुसार, शरीफ 2006 से नेवार्क लिबर्टी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर परिवहन सुरक्षा अधिकारी (टीएसओ) के रूप में काम कर रहे थे। TSA ने कहा, “हमें उनके निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है और हम उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
नेवार्क न्यू जर्सी के सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में एक है। वहां के सार्वजनिक सुरक्षा निदेशक फ्रिट्ज फ्रैगे ने एक बयान में कहा, शरीफ को मुहम्मद-नेवार्क मस्जिद के बाहर सुबह 6 बजे गोली मारी गई। इस घटना के घंटों बाद भी पुलिस किसी को हिरासत में नहीं ले सकी। अधिकारियों ने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि हिंसा किस वजह से हुई और क्या इमाम को उनकी धर्म की वजह से निशाना बनाया गया था।
फ्रैगे ने कहा कि गोलीबारी की जांच चल रही है और कोई अन्य जानकारी उपलब्ध नहीं है। अधिक जानकारी मांगने वाला एक संदेश मस्जिद के पास छोड़ा गया है। काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस इन न्यू जर्सी (सीएआईआर-एनजे), देश का सबसे बड़ा मुस्लिम नागरिक अधिकार और वकालत संगठन इस बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है और व्यक्तियों को स्थानीय कानून प्रवर्तन तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। पुलिस ने मामले में जानकारी देने वालों को 25,000 डॉलर का इनाम देने का ऐलान किया है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के खिलाफ पूर्वाग्रह की घटनाएं बढ़ रही हैं। जब से हमास और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ा है, तब से अमेरिका में मुस्लिम समुदाय के प्रति नफरती हिंसा के मामले बढ़े हैं। पिछले महीने तीन फिलिस्तीनी छात्रों की हत्या कर दी गई थी।
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