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    क्या योगी के नक्शेकदम पर निकल पड़े है धीरेन्द्र शास्त्री? ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ में हजारों की भीड़

  • November 22, 2024

    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के 10 साल के शासन और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में करीब 5वीं बार बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) उर्फ बागेश्वर बाबा को ऐसा लगता है कि उनके राज्य में हिंदू खतरे में हैं. हिंदुओं के हक की बात करने और हिंदुओं को एकजुट करने के उद्दैश्य से बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 160 किलोमीटर लंबी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा (Sanatan Hindu Unity Padyatra) पर निकल चुके हैं. उनकी इस यात्रा का मूल्यांकन अभी करना बेमानी होगा. पर जिस तरह हजारों भक्तों की भीड़ उनकी यात्रा में पहुंचती दिख रही है, उससे तो यही लगता है कि वो सही रास्ते पर हैं.

    बाबा पिछले 2 साल से लगातार हिंदू हितों की बात कर रहे हैं. वो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात में जरा भी संकोच नहीं करते हैं. वो ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे का समर्थन करते हैं. वो यह भी कहने में संकोच नहीं करते हैं कि हिंदुओं के महाकुंभ में विधर्मियों का क्या काम है. इतना सब होने के बाद भी बाबा को कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए बराबर प्यार दिखता है. 21 से 29 नवंबर तक चलने वाली बागेश्वर सरकार की यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा तक जाएगी. करीब 150 किमी की इस यात्रा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हिंदुओं को जात-पात से ऊपर उठकर एकता का संदेश भी देंगे. बाबा की यात्रा को देखते हुए कोई भी यह सवाल कर सकता है कि क्या वह राजनीति में आने का मन बना रहे हैं? पर बाबा राजनीति में आने की बात से सीधे इनकार करते हैं. तो सही क्या है? आइये देखते हैं.

    बाबा जातिवाद के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. वे कहते हैं कि सभी हिंदू अपने नाम से पहले हिंदू जरूर लिखें. वे कहते हैं कि हम सभी लोग अपने नाम के आगे अपनी जातियों का नाम लिखते हैं. अगर हम अपने नाम के आगे हिंदू लिखेंगे तो बाहर से आने वालों को लगेगा कि यह व्यक्ति हिंदू है. बाबा कहते हैं कि जात-पात का संकट ऐसा हो गया है कि अब करो या मरो की स्थिति है. इतना ही नहीं बाबा वक्फ बोर्ड को बंद करके सनातन धर्म बोर्ड के गठन की बात करते हैं और राजनीति में धर्म का इस्तेमाल न हो, इसके लिए भी बात करते हैं. वो कहते हैं कि प्रत्येक हिंदू को माला और भाला दोनों रखनी होगी. बाबा कुंभ मेले में मुस्लिम समुदाय के दुकान लगाने का भी विरोध करते हैं. उनका इस संबंध में कहना है कि जिसे भारतीय हिंदू धर्म, संस्कृति व सभ्यता की जानकारी नहीं है उसका कुंभ में क्या काम है?


    पंडित धीरेंद्र शास्त्री को यह बात समझ में आ गई है कि हिंदुओं को एकजुट रखना है तो मुस्लिमों के कट्टरपंथ को निशाने पर रखना होगा. शायद यही सोच उन्हें कुंभ में गैर हिंदुओं को प्रवेश नहीं देने और दुकानें नहीं खोलने देने का बयान दिलवाती है. वो पूछते हैं कि तुम (मुसलमान) हमारे यहां जाकर क्या करोगे? धंधा करके मूत्र कांड करोगे? थूक कांड करोगे? पंडित धीरेन्द्र शास्त्री यहीं नहीं रुकते हैं वो सीधे मुसलमानों के लिए कहते हैं कि हम तुम्हारी मस्जिदों में नहीं घुसते, तुम हमारे यहां क्यों आओगे?

    हमारे हिंदू तुम्हारी मस्जिदों में घुसे तो जूते मारो. यही नहीं धीरेन्द्र शास्त्री भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान नहीं भेजने के बीसीसीआई के फैसले को सही ठहराते हैं. उन्होंने पाकिस्तान को कंगाल और भिखमंगा देश बताने में वो कभी नहीं हिचकते हैं. वो बार-बार कहते रहे हैं कि गजवा-ए-हिन्द वाले अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं, बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण दे रहे हैं, बच्चे भी ज्यादा पैदा कर रहे हैं.

    पदयात्रा की शुरुआत में बाबा धीरेंद्र शास्त्री के भाषण के बोल समझने का प्रयास करिए. ये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शुरूआती भाषणों जैसा ही आक्रामक है. हजारों की भीड़ और फ्लैशलाइट आपको क्या बता रही है, बागेश्वर में यह जगे हुए भारत के 2024 के जगे हुए हिंदू हैं. अब वह हिंदू नहीं बचे हैं कि तुम हमें थप्पड़ मारोगे और यह भाग जाएंगे. यह वह हिंदू हैं जिन्हें छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं… इन हिंदुओं के हाथों में हम हक के लिए लड़ने का अधिकार देना चाहते हैं… हम चाहते हैं हिंदू हक की बात बोलें, संविधान की बात बोलें, देश की एकता की बात बोलें. इनको कोई छेड़े तो यह किसी को छोड़े नहीं. जिन लोगों ने 90 के दशक में योगी आदित्यनाथ का भाषण सुना होगा उन्हें बाबा में वही छवि दिख रही होगी.

    बाबा कहते हैं कि …देश में राम मंदिर के लिए हमें 500 सालों तक लड़ना पड़ा. बाबर के जमाने में और अकबर के जमाने में इन लोगों ने काशी विश्वनाथ में मंदिर को मस्जिद बना दिया… भगवान कृष्ण जहां प्रकट हुए वहां मस्जिद बना दी… हिंदू समाज से कह रहे हैं करो या मरो के बारी है, भारत पर संकट भारी है… कल के दिन यह बागेश्वर धाम में मजार बना लें तो हम तो मर ही जाएंगे.. इसलिए हम हिंदुओं को एक होने के लिए जात-पात को मिटाने के लिए ये कर रहे हैं…

    योगी आदित्यनाथ बहुत दिनों तक अपनी पार्टी हिंदू युवा वाहिनी के जरिए अपनी राजनीति करते रहे. बागेश्वर धाम कहते हैं कि बाबा की पार्टी है बजरंगबली की पार्टी, उसका निशान है मुगदर, उसका नारा है जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं…इसके साथ यह भी कहते हैं कि हमें राजनीति में नहीं जाना है.

    पत्रकार विनोद शर्मा कहते हैं कि बाबा अपना रास्ता धीरे-धीरे बना रहे हैं. उनकी बातों से संकेत मिलता है कि भविष्य में वो पूरे देश में इस तरह की यात्राएं निकाल सकते हैं. बाबा अभी अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं.बाबा को पता है कि बीजेपी में भगवा वस्त्रधारी उमा भारती मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. इसलिए उनका रास्ता आसान है.

    इसमें कोई दो राय नहीं कि पद यात्रा का यह रास्ता राजनीति में एंट्री के लिए बाबा की राह को आसान कर सकता है. पर जहां तक मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार की बात है कब उनकी बढ़ती लोकप्रियता उनके लिए कांटा बन जाए बाबा समझ भी नहीं पाएंगे. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की बढती लोकप्रियता का ही नतीजा है कि उनके दोनों डिप्टी सीएम ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. यहीं नहीं योगी आदित्यनाथ और भी कई तरह के अंतर्विरोध में फंसे हुए हैं. ज्यादा लोकप्रियता अधिक अहंकारी भी बना देता है. राजनीति में ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाता.

    क्योंकि हर राजनीतिक दल में केवल एक ही आदमी को बर्दाश्त किया जाता है. मध्यप्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का पतन का कारण भी बहुत कुछ इस तरह ही हुआ.अभी तो बाबा बागेश्वर खुलकर कह रहे हैं कि मेरे लिए बीजेपी और कांग्रेस एक समान है. बाबा के दरबार में जिस तरह बीजेपी के लोग पहुंचते हैं उसी तरह कांग्रेसी नेता भी पहुंच रहे हैं. जहां सरकार को लगा कि बाबा उनके नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं वहीं खेल हो जाएगा. या स्थानीय राजनीति करने वालों को भी जहां लगा कि बाबा भविष्य में उनके लिए खतरा हो सकते हैं कोई न कोई ऐसा खेल हो जाएगा जिसे न जनता समझ सकेगी न बाबा के भक्त.

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