लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए आरएसएस भी कमर कास चुका है. यूपी उपचुनाव में हरियाणा वाले फॉर्मूले को अपनाने की तैयारी है जिसकी वजह से तीसरी बार वहां बीजेपी की सरकार बनी. यही वजह है कि मथुरा में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बीच होने वाली मीटिंग अहम मानी जा रही हैं. बता दें कि आरएसएस प्रमुख 10 दिनों के मथुरा प्रवास पर हैं.
दरअसल, यूपी में लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लचर प्रदर्शन के बाद से कई तरह के सवाल उठ रहे थे. बताया जा रहा था कि आरएसएस भी नतीजों से नाखुश है. इस बीच लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा चुनाव में बीजेपी की लगातार तीसरी बार सरकार बनने से बीजेपी उत्साहित है. कहा जा रहा है कि आरएसएस की इस जीत में बड़ी भूमिका रही. छोटे-छोटे नुक्कड़ नाटक, डोर-टू डोर कैंपेन और बेहतर बूथ प्रबंधन के माध्यम से बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने का काम संघ ने किया. अब यही फॉर्मूला यूपी उपचुनाव में भी लागू करने की तैयारी है.
लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री जी जान से जुटे हैं. कहा जा रहा है कि संघ की तरफ से उपचुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए कुछ खास रणनीति बनाई गई है. आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच होने वाली इस बैठक में उपचुनाव को लेकर मंथन होगा.
कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में गैर यादव ओबीसी वोटर के छिटकने से बीजेपी को सीधा नुकसान हुआ. हरियाणा चुनाव में संघ ने ओबीसी वोटर के लिए खास प्लान बनाया था. छोटे-छोटे समूहों में इन वर्ग के प्रभावशाली लोगों से संवाद किया गया था. जिसका असर परिणामों में भी दिखा. अब यूपी में भी संघ की तरफ से इसी फॉर्मूले को अपनाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए पांच से सात लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर उपचुनाव वाले क्षेत्रों में डोर-टू-डोर जाकर लोगों से संवाद करेंगे.
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