चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने पंचकूला जिला के दो पोल्ट्री फार्मों के पक्षियों में ‘एवियन इन्फ्लुएंजा’(एच5एन8) मिलने पर उनके एक किलोमीटर की परिधि में संक्रमित-जोन तथा एक से 10 किलोमीटर की परिधि के क्षेत्र में सर्विलांस-जोन घोषित किया है। इन क्षेत्रों से न तो कोई पक्षी और न ही अंडा व खाने का दाना बाहर जाएगा।
बीमारी को अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोकने के लिए विशेषज्ञों की देखरेख में संक्रमित-जोन के अंदर आने वाले पांच पोल्ट्री फार्मों के 1,66,128 पक्षियों को मार कर मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा। हरियाणा के पशु पालन एवं डेयरी मंत्री जयप्रकाश दलाल ने चंडीगढ़ में अपने आवास पर पशु पालन एवं डेयरी विभाग के निदेशक डॉ.विरेंद्र सिंह लौरा की मौजूदगी में यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार पोल्ट्री-व्यवसाय के प्रति सचेत है, ज्यों ही सरकार के संज्ञान में यह लाया गया कि पंचकूला जिला के पोल्ट्री फार्मों में किसी बीमारी के कारण पक्षी मर रहे हैं तो तुरंत जांच के आदेश दिए गए।
विभाग द्वारा जांच करने पर पाया गया कि पिछले एक माह में इन पोल्ट्री फार्मों में करीब चार लाख पक्षी मर गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले जालंधर में एक लैब में इन पक्षियों के सैंपल भेजे गए परंतु वहां से रिपोर्ट न मिलने के कारण बाद में सैंपल भोपाल की एक लैब में जांच के लिए भेजे गए। रिपोर्ट में दो पोल्ट्री फार्मों के पक्षियों में ‘एवियन इन्फ्लुएंजा’(एच5एन8) मिलने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि हालांकि बर्ड-फ्लू की यह स्ट्रेन ज्यादा घातक नहीं है फिर भी राज्य सरकार ने एहतियातन पंचकूला के प्रभावित पोल्ट्री फार्मों के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।
पशु पालन एवं डेयरी मंत्री ने बताया कि अब राज्य सरकार ने ‘एवियन इन्फ्लुएंजा’ (एच5एन8) से संक्रमित पंचकूला जिला के गांव खेड़ी स्थित ‘सिद्धार्थ पोल्ट्री फार्म’ तथा गांव गनौली स्थित ‘नेचर पोल्ट्री फार्म, डंडलावर’ के एक किलोमीटर तक की परिधि के क्षेत्र को ‘इन्फैक्टिड जोन’ तथा एक से 10 किलोमीटर की परिधि के क्षेत्र को ‘सर्विलांस जोन’ घोषित कर दिया है।
उन्होंने जानकारी दी कि इस क्षेत्र से अब एवियन-प्रजाति के पक्षी, अंडे आदि दूसरे क्षेत्र में भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। इसके लिए सरकार द्वारा संक्रमित क्षेत्र में चेक-पोस्ट लगा दी गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में पांच पोल्ट्री फार्म हैं, जिनमें 1,66,128 पोल्ट्री पक्षी हैं, इन सभी को केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार मार कर जमीन में दबा दिया जाएगा। यह काम आज यानि शनिवार से शुरू होगा। इसके लिए विभाग ने 59 टीमों का गठन कर दिया है। पोल्ट्री फार्म के मालिकों को इन मारे जाने वाले पक्षियों के क्षतिपूर्ति के लिए 90 रुपये प्रति पक्षी की दर से मुआवजा दिया जाएगा।
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