नई दिल्ली। हरियाणा (Haryana) में नई सरकार (New government) का शपथग्रहण विजयदशमी के बाद होगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी (Chief Minister Naib Saini) ही होंगे, यह तय है। मगर तीसरे कार्यकाल की सरकार में दो डिप्टी सीएम (Two Deputy CMs) के साथ ज्यादातर नए चेहरे होंगे। सरकार को समर्थन की घोषणा करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में से एक को मंत्री बनाया जा सकता है।
भाजपा की रणनीति शपथग्रहण समारोह के जरिये राजग का शक्ति प्रदर्शन करने की है। ऐसे में समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत घटक दलों के सभी अहम नेताओं की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। नई सरकार के गठन में भाजपा की बड़ी प्राथमिकता विपक्ष के आरोप से बनी आरक्षण व संविधान पर खतरे की धारणा को साफ करना है।
इसके लिए, पार्टी दो डिप्टी सीएम बनाने पर विचार कर रही है। इनमें एक दलित बिरादरी का होगा। नए मंत्रिमंडल में राज्य की 36 बिरादरी के बीच संतुलन बनाने पर मंथन का दौर शुरू हो गया है। भाजपा ने बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक भी शामिल होंगे और विधायक दल का नेता चुना जाएगा।
तीन निर्दलीय विधायकों ने बढ़ाई ताकत
चुनाव में जीत हासिल करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों सावित्री जिंदल, देवेंद्र कादयान और राजेश जून ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी के पक्ष में अब 51 सदस्य होंगे।
नए चेहरों को मौका देने का मिला अवसर
सूत्रों ने कहा, चुनाव में नए चेहरों पर दांव लगाने का पार्टी का फैसला सही साबित हुआ। अब नई सरकार में नए चेहरों के जरिये पार्टी सभी वर्गों को संतुष्ट करेगी। भले ही पार्टी को चुनाव में गैरजाट मतों के ध्रुवीकरण का लाभ मिला है, मगर पार्टी इस बिरादरी को भी अहमियत देगी। ऐसे में दिवंगत बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी का मंत्रिमंडल में शामिल होना, तय माना जा रहा है। इससे पार्टी बंसीलाल की विरासत पर भी मजबूत दावा पेश करेगी। चूंकि सैनी सरकार के दस में से आठ मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष चुनाव हार गए हैं। ऐसे में नए चेहरों को मौका देने में कोई रुकावट नहीं आएगी।
नायब बोले-जीत का श्रेय मोदी को नया सीएम संसदीय बोर्ड तय करेगा
दिल्ली पहुंचे सीएम नायब सैनी ने जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया है। उन्होंने कहा, पीएम की योजनाओं का लाभ गरीबों को मिल रहा है। देश के लोग उनसे प्यार करते हैं। सीएम पद के सवाल पर सैनी ने कहा, यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। चुनाव में मैंने अपनी ड्यूटी पूरी कर दी। पर्यवेक्षक आएंगे, विधायक दल नेता चुनेगा, जो संसदीय बोर्ड का फैसला होगा वह सिर माथे लगाएंगे।
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