चंडीगढ़ । भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी को दिल्ली मेंं हुए राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेना भारी पड़ गया है। संयुक्त किसान मोर्चे चढूनी को निलंबित करते हुए नोटिस जारी कर दिया है। यही नहीं चढूनी मंगलवार को दिल्ली में सरकार व संयुक्त किसान मोर्चे के बीच होने वाली बैठक में भी शामिल नहीं होंगे।
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने सोमवार को बताया कि चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक की बजाय राजनीतिक गतिविधियों में लगे हुए थे। मोर्चा की बैठक के बजाए राजनीतिक लोगों की बैठक में गए। एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गुरनाम सिंह को इस बारे में समझाया भी था कि वह राजनीतिक बैठकों की बजाय मोर्चे की बैठकों में रहें। उन्होंने कहा कि गुरनाम सिंह के खिलाफ मोर्चे को कई दिनों से शिकायतें मिल रही थीं। राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना, कांग्रेस के राजनीतिक नेताओं का सिंघु बॉर्डर पर उनके टेंट में रुकना, राजनीतिक दलों के नेताओं के लगातार संपर्क में रहने और हरियाणा में राजनीतिक अस्थिरता, पैसे लेने के आरोप समेत मोर्चे को गुरनाम सिंह के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं।
उन्होंने बताया कि मोर्चा की तरफ से गुरनाम सिंह को किसान संसद न करने के लिए कहा गया था। गुरनाम सिंह पर फैसला करने के लिए मोर्चे की तरफ से एक कमेटी बनाई गई है वह कमेटी आज शाम तक अपनी रिपोर्ट देगी। जब तक रिपोर्ट नहीं आती तब तक के लिये गुरनाम सिंह चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी से सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही उन्हें नोटिस दिया गया है ताकि वे इस बारे में अपना स्पष्टीकरण भी दें।
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