चंडीगढ़ । पंजाब चुनाव से पहले फरलो (furlough) पर बाहर आए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम (Ram Rahim) को Z+ सिक्योरिटी (Z+Security) दी गई है. हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने खालिस्तानियों (Khalistanis) से जान का खतरा बताते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाई है. सरकार ने सुरक्षा का आधार एडीजीपी (CID) की रिपोर्ट को बनाया है. सरकार ने कहा कि खालिस्तान समर्थक डेरा प्रमुख को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्हें सख्त सिक्योरिटी दी जा रही है.
राम रहीम पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की फरलो पर बाहर हैं. चुनाव से ठीक पहले मिली फरलो पर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए थे और हरियाणा सरकार को घेरा था. दरअसल, सिरसा मुख्यालय वाले डेरा सच्चा सौदा के चुनावी राज्य पंजाब और उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं. हालांकि, सीएम खट्टर ने कहा था कि राम रहीम को मिली राहत का पंजाब चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.
पिछले साल भी, डेरा प्रमुख को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए सुबह से शाम तक का आपातकालीन पैरोल दी गई थी. वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए भी कुछ मौकों पर जेल से बाहर आए थे. राम रहीम अबतक हरियाणा के रोहतक जिला स्थित सुनरिया जेल में बंद थे.
राम रहीम को कुछ शर्तों के साथ ही फरलो दी गई थी. इसमें न वह जनसभा कर सकते थे. ना ही उनके डेरे पर भक्तों का तांता लग सकता है. इसके साथ-साथ वह परमिशन से ही शहर छोड़ सकते हैं. फरलो एक तरह से सजायाफ्ता कैदियों के लिए छुट्टी की तरह ही होती है. फरलो के तहत एक निर्धारित अवधि के लिए कैदी को अपने घर जाने की अनुमति होती है.
राम रहीम को क्यों हुई थी सजा?
राम रहीम (54 साल) सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहे हैं. राम रहीम को पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था. इसके अलावा गुरमीत राम रहीम को पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
बता दें कि भारत में X, Y, Y-Plus Z और Z-Plus सिक्योरिटी दी जाती है. जेड प्लस सिक्योरिटी भारत में सबसे बड़ी सिक्योरिटी होती है जो कि देश के VVIP लोगों को जरूरत के हिसाब से दी जाती है. इसके अलावा देश के प्रधानमंत्री और उनके परिवार को SPG ( स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) सुरक्षा मिलती है.
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