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    हरियाणा में बदल रहे चुनावी समीकरण, चौटाला परिवार में पक रही नई खिचड़ी, दादा-पोते में इन सीटों पर हुआ समझौता

  • September 11, 2024

    नई दिल्‍ली । हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) को लेकर चौटाला परिवार (Chautala Family) के बीच नई खिचड़ी पकती दिख रही है। ऐसा कह सकते हैं कि जननायक जनता पार्टी (Jannayak Janata Party) के राजनीतिक पासा फेंकने से इसकी शुरुआत हुई है। भाजपा (BJP) से बागी होकर रानियां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (Ranjit Chautala) को जजपा ने समर्थन देने का ऐलान किया है। इसके बदले रणजीत चौटाला डबवाली से चुनाव लड़ रहे जजपा उम्मीदवार और दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला (Digvijay Chautala) का समर्थन करेंगे। दिग्विजय चौटाला रिश्ते में रणजीत चौटाला के पोते लगते हैं। इस तरह राज्य में गजब के चुनावी समीकरण बनते दिख रहे हैं।

    आजाद प्रत्याशी चाचा रणजीत सिंह को घेरने के लिए रानियां सीट पर इस बार इनेलो नेता अभय चौटाला ने अपने बेटे अर्जुन चौटाला को उतारा है। साथ ही आदित्य चौटाला को भाजपा से इनेलो में शामिल करवाकर अपनी पार्टी को मजबूत किया, लेकिन अब जजपा सुप्रीमो ने इसका तोड़ निकाल लिया है। उन्होंने रानियां में अपने चाचा रणजीत सिंह चौटाला को समर्थन दिया जबकि रणजीत सिंह चौटाला ने जजपा के प्रत्याशी और अपने पोते दिग्विजय चौटाला का डबवाली में समर्थन किया है। अब अजय चौटाला और रणजीत चौटाला एक हो गए हैं, लेकिन चौटाला परिवार का ही दूसरा खेमा इनकी खिलाफत कर रहा है।

    रानियां विधानसभा से चौटाला परिवार के दादा-पोता एक-दूसरे के खिलाफ भी चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी सरकार में बिजली मंत्री रहने के बाद जब उनका टिकट कटा तो रणजीत चौटाला अपने ही पोते के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। रणजीत चौटाला के सामने इनेलो नेता अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं। रणजीत चौटाला ने कहा कि अर्जुन मेरा पोता है और मेरे ​खिलाफ चुनाव लड़ रहा है, लेकिन हमारे परिवार में चुनाव लड़ने से पारिवारिक रिश्ते नहीं खराब होते हैं। वह लड़ रहे हैं, लड़ने दो लेकिन उनका जीतना नहीं है।


    डबवाली से चाचा-भतीजा चुनावी मैदान में
    अगर डबवाली विधानसभा की बात करें तो यह चौटाला परिवार की सीट रही है। दिग्विजय की मां नैना चौटाला 2 बार लगातार यहां से चुनाव जीत चुकी हैं। इस बार दिग्विजय चौटाला चुनावी मैदान में हैं। दिग्विजय अपने ही चाचा आदित्य चौटाला के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य चौटाला 10 साल तक बीजेपी में रहे लेकिन जब बीजेपी ने टिकट काटा तो वो बागी हो गए। अब इनेलो के टिकट पर भतीजे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। आदित्य चौटाला को इनेलो नेता अभय चौटाला और पंजाब के बादल परिवार का समर्थन मिल रहा है।

    बीजेपी छोड़ इनेलो में आए हैं आदित्य चौटाला
    आदित्य चौटाला चौधरी देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के बेटे हैं। वे 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। 2019 में बीजेपी सरकार ने उन्हें स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड का चेयरमैन बनाया था। हाल ही में इस पद से इस्तीफा देकर आदित्य चौटाला इनेलो में आए थे। वह अभय चौटाला के चचेरे भाई हैं। इनेलो ने आदित्य चौटाला को डबवाली से पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

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