चंडीगढ़ । हरियाणा विधानसभा चुनावों (Haryana Assembly Elections) के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार शाम 67 उम्मीदवारों (Candidates) की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट के जारी होते ही हरियाणा भाजपा (BJP) में भगदड़ मच गई है। भाजपा किसान मोर्चा (BJP Kisan Morcha) के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर पार्टी के उपाध्यक्ष और कई पूर्व विधायकों ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से कुछ के विपक्षी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा है।
अब तक जिन लोगों ने इस्तीफे दिए हैं। उनमें भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह श्योराण भी शामिल हैं। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और फेसबुक पर ‘अलविदा भाजपा’ लिखकर इसका सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर दिया है। वह बाढ़डा सीट से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी ने यहां से उमेद पातूवास को टिकट दिया है। सुखविन्दर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहल बड़ौली को पत्र लिखकर कहा है कि वह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। उनके अलावा उकलाना से भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सीमा गैबीपुर ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
भाजपा किसान मोर्चा चरखी दादरी के जिलाध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले चेयरमैन ने भी इस्तीफा दे दिया है। महम से भाजपा की टिकट के दावेदार शमशेर सिंह खरकड़ा के भी पार्टी छोड़ने की चर्चा है। हिसार जिले के उकलाना से टिकट के दावेदार शमशेर गिल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं गुरुग्राम से दो दावेदारों जीएल शर्मा और नवीन गोयल ने भी पार्टी के खिलाफ बगावत करते हुए अपने समर्थक कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। चर्चा है कि हरियाणा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा कांग्रेस में जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार में बिना खर्ची-पर्ची के नौकरियां दी जा रही हैं, तो टिकट देने में यह पैमाना क्यों नहीं अपनाया गया। शर्मा ने कहा कि वह अगले दो दिनों में आगामी रणनीति पर फैसला करेंगे।
सत्ता विरोधी लहर के बावजूद कई मौजूदा मंत्रियों-विधायकों को टिकट
भाजपा की 67 उम्मीदवारों की पहली सूची में पार्टी ने कई सीटिंग विधायकों और हारे हुए विधायकों का टिकट काट दिया है, जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय नजर आ रहे थे। हालांकि, ऐसे कई मौजूदा मंत्रियों और विधायकों को टिकट दिया गया है, जिनके खिलाफ उनके क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर हावी है। सर्वे रिपोर्ट में इन मंत्रियों और विधायकों की काफी खराब हालत बताई गई थी, बावजूद इसके वे लोग टिकट पाने में कामयाब रहे।
दल-बदलुओं को टिकट देने से पुराने नेता नाराज
भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद कई जिलों में पार्टी के पुराने नेता नाराज हैं। इनमें पूर्व मंत्री और विधायक भी शामिल हैं। पार्टी ने कई दल-बदलुओं को उम्मीदवार घोषित किया है, जो पार्टी के कर्मठ नेताओं को रास नहीं आ रहा है। सियासी जानकारों की मानें तो अगले दो दिनों में एक दर्जन से अधिक नेता पार्टी के खिलाफ बगावत पर उतर सकते हैं। भाजपा ने ऐसे कई दल-बदलुओं को टिकट दिए हैं, जो कांग्रेस और जजपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए थे।
भूतपूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती और सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को तोशाम से टिकट दिया गया है। पूर्व मंत्री अनूप धानक को उकलाना, पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को टोहाना और रामकुमार गौतम को सफीदों से टिकट दिया गया है। हिसार से टिकट की दावेदारी जता रहे जिंदल परिवार को भी झटका लगा है। यहां से मौजूदा विधायक और सैनी सरकार में मंत्री कमल गुप्ता को फिर से टिकट मिला है। संजय कबलाना और पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान को भी टिकट दिया गया है।
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