करनाल। हरियाणा (Haryana) में सियासी उठापटक (Political Crisis) जारी है। प्रदेश मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Haryana CM Nayab Singh Saini) की सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को जैसे ही भाजपा सरकार (BJP in Haryana) से समर्थन वापस लेने की घोषणा की उसी के बाद से प्रदेश में एक बार फिर सियासी संकट उभरने लगा है। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
अपनों को संभाल कर रखें: मनोहर लाल
इस संदर्भ में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और करनाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मनोहर लाल ने कहा कि वे निर्दलीय (Independent MLA in Haryana) हैं, हम क्या कर सकते हैं। लेकिन वे (कांग्रेस) अपनों को संभाल कर रखें।
जिस दिन हिसाब खुल गया उस दिन इनको समझ में आएगा कि हमारे संपर्क में कितने हैं। उन्होंने कहा कि अगर अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे तो वे (कांग्रेस) ही गिरेंगे। उनके और बाकी दलों के कितने लोग हमारे साथ खड़े होंगे ये उन्हें नहीं पता हमें पता है।
देश की सबसे बड़ी पंचायत का चुनाव
मनोहर लाल (Manohar Lal) ने करनाल में रोड शो के दौरान कहा कि यह देश की सबसे बड़ी पंचायत का चुनाव है। कांग्रेस पार्टी ने कोई काम नहीं किया है। इसलिए उन्हें इसका पछतावा है। वे उम्मीद खो चुके हैं। अब आपको हमें हरियाणा की सभी दस सीटें जीतानी है।
उन्होंने कहा कि इस बार पीएम मोदी ने 400 से ज्यादा सीटें लाने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस के लोग पूछ रहे हैं कि जब बीजेपी 272 सीटों के साथ सरकार बना सकती है तो उन्हें 400 सीटों की जरूरत क्यों है? उन्हें डर है कि सरकार मजबूत होगी तो भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसेगी।
क्या बोले दुष्यंत चौटाला
वहीं प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच जब पूर्व मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Former CM Dushyant Chautala) से पूछा गया कि निर्दलीय विधायकों की वापसी से सीएम नायब सिंह सैनी की सरकार को कोई समस्या नहीं है तो इस सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री (CM Nayab Saini) ने कम से कम स्वीकार किया कि वह आज कमजोर हैं। मुझे लगता है कि ऐसे सीएम, जो मानता है कि वह कमजोर है, वह नैतिक आधार पर राज्य का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं है।
हरियाणा में क्या है सीटों का गणित?
जैसे ही तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया वैसे ही प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी का गणित बिगड़ गया। हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत होती। लेकिन राज्य (Haryana Legislature Seats) की दो सीटें खाली हैं। ऐसे में बहुमत के लिए 45 सीटें चाहिए।
भाजपा के पास मौजूदा समय में 40 विधायक हैं। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अब उसके पास और 2 निर्दलीय और एक विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाला कांडा का समर्थन है। कुल जमा देखें तो भाजपा के पास मौजूदा समय में 43 सीटें हैं यानी बहुमत से दो कम।
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