नई दिल्ली। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है. हरतालिका तीज(Hartalika Teej ) का व्रत इस साल मंगलवार, 30 अगस्त को रखा जाएगा. विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. इस दिन व्रती महिलाएं नर्जला और निराहार व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती (Lord Shiva and Mother Parvati) की उपासना करती हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने भी यह व्रत किया था.
हरतालिका तीज व्रत के नियम (Hartalika Vrat Ke Niyam)
हरतालिका तीज का व्रत निराहार और निर्जला (dehydrated and dehydrated) ही रखा जाता है. यानी इस व्रत में आप ना तो कुछ खा सकते हैं और ना ही पानी पी सकते हैं. इसी वजह से हरतालिका तीज का व्रत सबसे मुश्किल व्रतों की श्रेणी में आता है. एक बार इस व्रत की शुरुआत हो जाए तो भविष्य में आप किसी भी वर्ष इसे छोड़ नहीं सकते हैं. आपको हर वर्ष ये पूरे विधि-विधान के साथ रखना ही होगा. हरतालिका तीज पर दिन में सोने से बचें और रात को रात्रि जागरण करें.
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)
हरतालिका तीज पर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें. पूजा स्थल को फल-फूलों से सजाकर रखें. एक चौकी लगाएं और उस पर शिव, पार्वती और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान शिव और माता पार्वती के सामने एक दीपक प्रज्वलित करें. इसके बाद श्रृंगार की पिटारी से सुहाग की सारी वस्तुएं रखकर माता पार्वती को अर्पित करें. भगवान को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें. पूजा के बाद हरतालिका तीज की कथा सुनें और गरीबों को इच्छानुसार कुछ दान करें. रात में जागरण करें. सुबह आरती के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें.
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