भोपाल। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपनी कार्यकारिणी का गठन शुरू कर दिया है। पहले चरण में उन्होंने एक साथ पांच प्रदेश महामंत्री रणवीर रावत, हरिशंकर खटीक, शरतेन्दु तिवारी, भगवानदास सबनानी और कतिता पाटीदार की नियुक्ति की है। इस बार प्रदेश इकाई में महामंत्री का एक पद बढ़ाया गया है। जिसमें महाकौशल क्षेत्र के किसी भी नेता को शामिल नहीं किया गया है। जबकि मालवा, मध्यभारत, ग्वालियर-चंबल एवं बुंदेलखंड से एक-एक नेता को महामंत्री बनाया गया है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री हरिशंकर खटीक शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उन्हें सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था। अब उन्हें संगठन में महामंत्री का दायित्व सौंपा है। पार्टी ने उन्हें बड़ा मलहरा विधानसभा उपचुनाव का प्रभारी बनाया है।
रणवीर रावत केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के करीबी हैं। ये निगम-मंडलों के लिए भी प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें प्रदेश महामंत्री का बड़ा दायित्व सौंपा है। अभी वे किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे थे। कविता प्रदेश की पहली महिला महामंत्री है। वे राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय की करीबी हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि कविता पाटीदार को प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने महामंत्री बनवाया है। भोपाल से भगवादान सबनानी भी प्रदेश महामंत्री बनाए गए हैं। वे उमा भारती के करीबी हैं। हर बार हुजुर क्षेत्र से विधानसभा टिकिट के प्रबल दावेदार रहे हैं। विंध्य में भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं, लेकिन उतने मंत्री नहंीं बनें। सिर्फ सतना से रामखिलावन पटेल को मंत्री बनाया गया है। इसी तरह हरिशंकर खटीक भी कैबिनेट मंत्री बनने से रह गए। बताया गया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरिशंकर और सरतेंन्दू तिवारी को संगठन में प्रदेश महामंत्री बनवाया है।
सिंधिया समर्थक बन सकते हैं उपाध्यक्ष
पांच महामंत्रियों में सिंधिया समर्थक एक भी नेता नहीं है। संभवत: प्रदेश कार्यकारिणी की अन्य पदों उपाध्यक्ष, प्रदेश सचिव पद सिंधिया समर्थक कुछ नेताओं को मौका मिल सकता है। महामंत्रियों की सूची पर मुहर लगने से पहले दिल्ली में सिंधिया के साथ चर्चा भी हुई थी। दिल्ली में प्रदेश के नेताओं की केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ चर्चा हुई। फिर केंद्रीय नेतृत्व के साथ सभी बैठे। इसके बाद महामंत्रियों के नामों पर मुहर लग गई। बताया जा रहा है कि इसके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश मंत्री के साथ बाकी के नामों पर भी सहमति बन गई है। इसकी घोषणा तीन-चार दिन बाद हो सकती है। जिसमें सिंधिया समर्थकों के नाम हो सकते हैं।
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