चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के सलाहकार के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के अंदर का विवाद एक बार फिर सामने आ गया है। एक दिन पहले सिद्धू ने पार्टी (Party) के आलाकमान को फैसले लेने की छूट न देने पर ईंट से ईंट बजा देने की चेतावनी दी थी। इस पूरे विवाद को लेकर शनिवार को पंजाब प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने उनके घर पहुंचे।
राहुल गांधी से मिलने से पहले उन्होंने मीडिया (Media) को दिए बयान में कहा कि सभी का अपना बात करने का तरीका होता है। इसे बगावत कहना ठीक नहीं है। बैठक के बाद रावत ने कहा कि उन्होंने पूरी स्थिति से राहुल गांधी को अवगत करवा दिया है। मैं कांग्रेस प्रधान (Congress President) को भी इस बारे में पूरी जानकारी दे चुका हूं। अब मैं एक दो दिन में पंजाब जाऊंगा और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू से मुलाकात करूंगा।
I had a very short meeting with Rahul Gandhi, I had briefed him about whatever the situation is in Punjab. I have already briefed the Congress president. Nothing more than this: Punjab Congress in-charge Harish Rawat after meeting with party leader Rahul Gandhi, in Delhi pic.twitter.com/FoUQRK241W
— ANI (@ANI) August 28, 2021
वहीं पंजाब प्रभारी के पद पर बने रहने के सवाल पर रावत ने कहा कि कांग्रेस में पार्टी नेतृत्व जो भी निर्णय लेता है, वही अंतिम होता है। जब तक वे मुझसे कहेंगे, तब तक मैं काम करता रहूंगा। वहीं इससे पहले खेल मंत्री राणा गुरजीत सिंह सोढी के आवास पर गुरुवार रात डिनर पार्टी के दौरान मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के साथ बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने के बाद शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री खुद भट्ठल के सरकारी आवास पर पहुंचे और उनका हाल जाना। इस दौरान चाय की चुस्कियों के साथ दोनों नेताओं के बीच सरकार और पार्टी के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। हालांकि दोनों नेताओं ने इस बातचीत के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। इससे पहले पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी भट्ठल से मिलने पहुंचे थे। चूंकि प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान की पृष्ठभूमि में कैप्टन और सिद्धू के बीच छिड़ा युद्ध ही है। ऐसे में दोनों नेताओं का बारी-बारी आकर पूर्व मुख्यमंत्री भट्ठल से मुलाकात करने के कई सियासी मायने हैं।
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