हरिद्वार। हरिद्वार (Haridwar) में इस समय गंगा नदी की सफाई का काम जोरों पर चल रहा है. गंग नहर बंद किए जाने से हर की पौड़ी (Har’s Pauri) और वीआईपी घाट पर बहने वाली गंगा की धारा सूख गई है. जब यहां धारा सूखी तो नजारा बिलकुल अलग दिखाई देने लगा।
दरअसल, गंगनहर की सफाई (Ganga canal cleaning) के लिए प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी 12 अक्तूबर की मध्यरात्रि में गंगनहर (Ganganahar) को बंद कर दिया गया है। गंगनहर (Ganganahar) में कल रात जैसे ही पानी कम हुआ पैसा चुगने वाले नियारिया व श्रमिक (Workers and labourers) धाराओं के बीच में घुस गए। हल्की धारा में वह धन और वैभव की तलाश कर रहे हैं। भाग्य भी साथ दिया तो कोई लखपति बन जाता है, लेकिन गंगा हर किसी को कुछ ना कुछ जरूर देती है।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग (Uttar Pradesh Irrigation Department) का दावा है कि इस बार गंगनहर बंदी पर श्रद्धालुओं के लिए हरकी पैड़ी पर गंगा जल की किल्लत नहीं रहेगी। लेकिन गंगनहर बंद होते ही हरकी पैड़ी पर सुबह स्नान तो दूर आचमन तक का जल नहीं बचा।
दरअसल, हर साल दहशरा पर्व पर उत्तरी खंड गंगनहर को मरम्मतीकरण कार्यों के लिए बंद किया जाता है, जो लगभग 20 दिन के लिए बंद रहती है। जिसके चलते गंगनहर बंदी के दौरान हरकी पैड़ी पर गंगा में बहुत कम जल होता है। श्रद्धालुओं को गंगा स्नान तो दूर आचमन के लिए भी गंगा नसीब नहीं होता है। हरकी पैड़ी पर आने वाले श्रद्धालुओं मायूस होकर बैरंग लौटना पड़ता है। वहीं, सिचाई विभाग का कहना है कि कल से हरकी पैड़ी पर जल आ जाएगा।
सर्वानंद घाट से आने वाली अविरल गंगा के भगीरथी बिंदू और कांगड़ा पुल पर बंध बनाए जाएंगे। बंध बनाकर अविरल गंगा की धारा से आने वाले सारे पानी को हरकी पैड़ी की तरफ मोड़कर गंगा जल हरकी पैड़ी पर लाया जाएगा। जिससे श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए गंगा जल मिलता रहेगा। अगर ऐसा होत है तो पहली बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग श्रद्धालुओं को गंगनहर बंदी पर गंगा स्नान कराने में सफल हो सकेगा।
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