हरिद्वार (Haridwar)। उत्तराखंड (Uttarakhand) की तीर्थनगरी हरिद्वार (Pilgrimage city Haridwar) में कांवड़ मार्ग (Kanwar Marg) पर स्थित मस्जिद और मजार (Mosques and Tombs) के आगे प्रशासन (Administration) ने पर्दे लगाकर उन्हें ढक दिया था, मगर अब प्रशासन ने यू-टर्न ले लिया। कांवड़ मार्ग में मस्जिद-मजार पर लगे पर्दे कुछ ही घंटे में हटवा दिए गए. पर्दे लगाकर ढके जाने पर जिले के प्रभारी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) का कहना था कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कोई उकसावे की स्थिति न बने।
हरिद्वार के प्रभारी और उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, आप जानते ही हैं कि जब कुछ नया होता है, तो हम उसे ढक देते हैं. अगर इस तरह से किया गया है तो इसलिए ताकि कोई उकसावे की स्थिति न बने, कोई भड़के नहीं और हमारी कांवड़ यात्रा सुचारू रूप से चले. इसका ध्यान रखा गया है. ऐसा पहली बार हुआ है. आप जानते हैं कि जब भी निर्माण होता है तो उसे भी ढक दिया जाता है, इसलिए ऐसा किया गया है।
40 साल में पहली बार देखा
बाबा भूरेशाह रहमतुल्लाह अलेही की मजार के मौलाना शकील अहमद कहते हैं, यह पर्दा प्रशासन ने लगाया है. हमें नहीं पता कि यह क्यों लगाया गया. न ही हमें बताया गया है. जब लगाया गया, तब भी कुछ नहीं बताया गया. हमें भी समझ नहीं आ रहा कि यह क्यों लगाया गया. हम इसे 40 साल में पहली बार देख रहे हैं. यह तो प्रशासन ही बता पाएगा कि यह क्यों लगाया गया है।
मस्जिद इस्लामिया के मौलाना अनवर अली कहते हैं कि यह नहीं पता कि पर्दे क्यों लगाए गए हैं. वे कह रहे हैं कि मस्जिद को ढकने के लिए लगाया गया है. आज से पहले कभी पर्दे नहीं लगाए गए. इससे पहले कभी पर्दे नहीं लगाए गए, न ही इस बारे में कोई बात हुई. लगता है कि यह कांवड़ यात्रा के कारण लगाया गया है. हम सरकार में क्यों दखल देंगे, जो करना है करें।
पहले कभी मजार और मस्जिद के आगे पर्दे नहीं लगाए गए
दुकानदार यूनुस कहते हैं कि मजार और मस्जिद के आगे पर्दे प्रशासन ने लगाया है. वे कह रहे थे कि सुरक्षा कारणों से वे इसे लगा रहे हैं. वैसे, इससे पहले कभी मजार और मस्जिद के आगे पर्दे नहीं लगाए गए थे. मेरी उम्र 60 साल है. मैं यहीं रहता हूं. मगर, जो सकार कर रही है ठीक ही कर रही होगी।
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