नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्र सरकार (Central government) ने दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर (Teen Murti Bhawan Complex) में मौजूद नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी (NMML) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्कालय सोसायटी’ कर दिया है. इसे लेकर अब विपक्ष पूरी तरह से मोदी सरकार पर हमलावर है. दोनों दलों के बीच एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है. ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Puri) ने विपक्ष की तरफ से की गई आलोचना पर पलटवार किया है.
नेहरू संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, “1947 के बाद कितने प्रधानमंत्री आए हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू का योगदान है, लेकिन उसके बाद लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, नरसिम्हा राव जी, मनमोहन सिंह का भी योगदान रहा तो सिर्फ एक प्रधानमंत्री का नाम ही क्यों? मैं विपक्ष के बयान पर क्या कहूं. वे गैर जिम्मेदाराना बयान देते हैं.”
कांग्रेस ने क्या कुछ कहा?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदले जाने पर कहा, ”जिनका कोई इतिहास ही नहीं है वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार और लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता. इससे केवल बीजेपी-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है.”
नेहरू का आधिकारिक आवास
तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास था. यही कारण है कि कांग्रेस में इसका नाम बदलने को लेकर रोष है. दरअसल, संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार (16 जून) को कहा कि एनएमएमएल (NMML) की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का फैसला किया गया था. सोसायटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी.
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