देहरादून। उत्तराखंड (Uttrakhand) भाजपा (BJP) से निष्कासित मंत्री (Expelled Minister) हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) आज हरीश रावत की मौजूदगी में (In presence of Harish Rawat) कांग्रेस में शामिल हुए (Joined Congress) ।
हरक सिंह रावत के राजनीतिक करियर पर नजर डालें तो उन्होंने कई अवसर पर बगावती तेवर दिखाए हैं। 2016 में कांग्रेस को छोड़ ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था, लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद भी कई मौकों पर उनकी नेतृत्व से तकरार देखने को मिली। हाल ही में उन्हें बीजेपी से निकाला गया था। हरक सिंह रावत भाजपा से निष्कासित होने के बाद काफी भावुक नजर आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके साथ धोखा किया है। हरक सिंह ने यह भी कहा कि 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे, जिसमें भाजपा सत्ता से बाहर होगी और कांग्रेस 40 सीटों के साथ सरकार बनाएगी।
बीजेपी से छह साल के लिए निकाले के गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत मौजूद रहे। हरक सिंह रावत पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगने के बाद विगत रविवार को भाजपा से निष्कासित किया गया था।सोनिया व राहुल गांधी की हरी झंडी के बाद हरक सिंह को पार्टी में शामिल करने का अंतिम फैसला किया गया। हरक की वापसी में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव लंबे समय से जुटे हुए थे, लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने 2016 के प्रकरण को देखते हुए उनकी वापसी को रोके रखा। वहीं हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस भवन देहरादून में खूब आतिशबाजी और नारेबाजी हुई।
गौरतलब है कि रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रावत को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इससे पहले भाजपा की उत्तराखंड इकाई की कोर ग्रुप बैठक के दौरान हरक सिंह रावत शामिल नहीं हुए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हरक सिंह रावत परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। भाजपा में हरक आए उन्होंने विकास के मामले में जो कहा हमने किया, लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ है।
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