दीपक तिजोरी ने 1988 में फिल्म ‘तेरा नाम मेरा नाम’ से डेब्यू किया था
नई दिल्ली। दीपक तिजोरी (Deepak Tijori) तीन दशक से ज्यादा समय से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. वे फिल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने ‘आशिकी (1990)’, ‘खिलाड़ी (1992)’, ‘जो जीता वही सिकंदर (1992)’ और ‘कभी हां कभी ना (1993)’ जैसी फिल्मों में यादगार किरदार निभाए हैं, जो आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं. आज एक्टर का बर्थडे (Deepak Tijori Birthday) है. आइए, इस मौके पर उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें जानें।
दीपक फिल्मों में सिर्फ सपोर्टिंग रोल ही निभाना नहीं चाहते थे. वे चाहते थे कि उन्हें लीड एक्टर के तौर पर भी काम मिले, लेकिन वे सपोर्टिंग रोल करने में इतने माहिर थे कि उन्हें उसी तरह के किरदार दिए गए. फिल्मों में हीरो के दोस्त का रोल हमेशा से खास रहा है और दीपक इस तरह के रोल निभाने में एक्सपर्ट हैं।
दीपक ने एक्टिंग को अपना करियर बनाया, लेकिन उन्हें शुरू-शुरू में रोल पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. करीब तीन साल तक हाथ-पैर मारने के बाद, उन्हें प्रोड्यूसर से मिलने का मौका मिला था. वे इस बीच एक होटल में काम करते रहे थे. उन्हें फिल्मों में पहला मौका 1988 में आई फिल्म ‘तेरा नाम मेरा नाम’ में मिला था, जिसमें उनका एक मामूली सा रोल था. उन्होंने एक्टिंग के अलावा कुछ फिल्में भी डायरेक्ट की हैं, पर कोई भी बॉक्स ऑफिस hj सफल नहीं हो पाई थीं. इनमें ‘टॉम डिक एंड हैरी’, ‘खामोशी… खौफ की रात’ जैसी फिल्में शामिल हैं।
दीपक को अपनी निजी जिंदगी में एक अजीब स्थिति का सामना भी करना पड़ा था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2017 में उनकी पत्नी शिवानी तिजोरी ने उन्हें घर से निकाल दिया था. शिवानी ने उन पर एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर होने का आरोप लगाया था. जब दीपक ने एक वकील की मदद से अपनी पत्नी के खिलाफ एक्शन लेने का निर्णय किया, तो उन्हें पता चला कि शिवानी ने अपने पहले पति को तलाक दिए बिना उनसे शादी की थी।
कानूनी रूप से दीपक और शिवानी की शादी वैध नहीं थी. दीपक की इस रिश्ते से एक बेटी भी हैं, जिनका नाम समारा तिजोरी है।
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