लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनके कार्यकाल में बुनकरों के कल्याण और आर्थिक मजबूती के लिए बिजली फ्लैट रेट पर देने का निर्णय किया गया था। बुनकर इस व्यवस्था से लाभान्वित हो रहे थे। लेकिन, भाजपा सरकार को बुनकरों को मिल रही यह सुविधा पसंद नहीं आई। उसने जनवरी 2020 से यह सुविधा ही खत्म कर दी। नए वर्ष पर लोग सुख-समृृद्धि की कामना करते हैं, भाजपा ने नववर्ष के पहले दिन से ही बुनकरों की खुशियां छीन ली।
अखिलेश ने कहा कि बुनकरों में जब इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई तो 31 जुलाई तक फ्लैट रेट पर बिजली देने का फैसला तो सुना दिया। लेकिन, भाजपा की मंशा कुछ अच्छी नहीं लगती है। उसने 1 अगस्त 2020 से नई व्यवस्था करने का इरादा भी जता दिया है। हैंडलूम, पावरलूम के अच्छे खासे व्यवसाय को चौपट करने में भाजपा की सक्रियता निहायत घटिया मानसिकता का प्रदर्शन है। बुनकरों को पुराने बकाये के नाम पर आज भी प्रताड़ित किया जा रहा है। भाजपा अपने आरएसएस एजेंडा के तहत ऐसा कर रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पावर कारपोरेशन ने बिजली दरों में स्लैब परिवर्तन का ही इरादा कर लिया है। पहले उनके प्रयास सफल नहीं हुए तो अब नए सिरे से बिजली दरें बढ़ाने की साजिशें की जा रही है। 4 किलोवाट का बिजली का फिक्स चार्ज अबतक 330 रुपये प्रतिमाह था। भाजपा सरकार के इशारे पर पावर कारपोरेशन अब इसे 360 रुपये करने का प्रस्ताव ले आया है। यह उपभोक्ताओं के साथ धोखा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जनता के साथ भाजपा सरकार ने स्मार्ट मीटर के नाम पर भी खेल किया। इसकी खरीद में तो घोटाला हुआ ही, इसकी गुणवत्ता पर भी संदेश है। मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की बात करते है पर स्मार्ट मीटर से स्पीड जम्पिंग के जरिए उपभोक्ताओं की खुली लूट पर रोक लगाने में किसी ने दिलचस्पी नहीं ली।
समाजवादी पार्टी ने वर्तमान नाजुक हालात में आर्थिक कठिनाइयों में गुजर रहे उपभोक्ताओं के छह माह के बिजली बिल माफ करने और किसानों के ट्यूबवेलों से सभी प्रकार के मीटर हटाकर पहले की तरह ही व्यवस्था बहाली की मांग की है। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved