उज्जैन। पिछले 5 माह से प्रशासन कोरोना से जंग लडऩे में जुटा है। हालांकि उससे अभी मुक्ति नहीं मिली, लेकिन अब राजस्व के लम्बित कामों को भी प्राथमिकता से शुरू किया जा रहा है। डायवर्शन, नामांतरण, बंटवारे, सीमांकन के काम भी शुरू किए जा रहे हैं। इसके लिए कलेक्टर ने राजस्व अमले को निर्देश दिए हैं और साथ ही यह भी चेतावनी दी कि किसी को इसके लिए परेशान ना किया जाए।
सबसे ज्यादा शिकायतें पटवारियों-राजस्व निरीक्षकों की आती है। उन्हें भी कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर किसी भी तरह की शिकायत मिली तो सीधे उन पर तो कार्रवाई होगी, वहीं संबंधित अधिकारी को भी नहीं बख्शा जाएगा। कलेक्टर ने तो यहां तक जमीनों का काम करवाने वाले दलालों की एंट्री पर भी रोक लगा दी है और कुछ लोगों के बारे में अधिकारियों को कहा गया कि इनके काम ना किए जाएं और ना ये दफ्तर में दिखें। कोरोना के चलते अभी पूरा प्रशासनिक अमला उसी में जुटा है। लगातार सर्वे के अलावा जिन क्षेत्रों में मरीज मिलते हैं उन्हें अस्पताल पहुंचाने, होम आइसोलेशन करने की जिम्मेदारी भी तहसीलदार, एसडीएम पर है। इसके अलावा कलेक्टर आशीष सिंह ने कुछ गृह निर्माण संस्थाओं की जांच भी शुरू करवाई और आने वाले दिनों में कुछ बड़े जमीन घोटाले भी उजागर होंगे। वहीं डायवर्शन, नामांतरण, बटांकन, सीमांकन के लम्बित प्रकरणों को भी अब निराकृत कराया जाएगा। कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि राजस्व से संबंधित मामलों में किसी तरह की अनियमितताएं बर्दाश्त नहीं होगी और साथ ही किसी को भी अगर परेशान किया तो संबंधित अधिकारी से लेकर तहसीलदार, पटवारी को भी नहीं बक्शेंगे। डायवर्शन, नामांतरण, बांटाकन और सीमांकन के आवेदन आने के बाद निर्धारित समय सीमा में इनके प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। अगर कुछ गड़बड़ी हैं तो प्रकरणों का निरस्त किया जाए और अगर सारे दस्तावेज संलग्न हैं तो जांच के बाद उनका निराकरण किया जाए। किसी को भी बार-बार कलेक्टर कार्यालय में चक्कर न लगाना पड़े।
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