पटना । पटना में (In Patna) मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में (In A Press Conference) जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष (Chairman of JDU Parliamentary Board) उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा कि बोर्ड अध्यक्ष बनाकर (By Making Board Chairman) लॉलीपॉप थमा दिया (Handed over Lollipop) । बोर्ड को लेकर (About Board) कोई अधिकार तक नहीं दिया गया (Did Not even Give Any Authority) । बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद कई चुनाव हुए, लेकिन कभी सुझाव तो नहीं ही मांगा, जो सुझाव मैने खुद दिए उस पर भी कभी विचार नहीं किया गया।
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को एक बार फिर विभिन्न मुद्दों पर अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज मुझे पार्टी में इज्जत देने की बात हो रही है, लेकिन हकीकत है कि पार्टी ने संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर झुनझुना थमा दिया। बोर्ड को लेकर कोई अधिकार तक नहीं दिया गया। स्थिति यह है कि मुझे बोर्ड का सदस्य मनोनीत का भी अधिकार नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जिन्हे अधिकार मिला है, दो साल गुजर जाने के बाद भी वे बोर्ड के सदस्यों का मनोनयन तक नहीं कर सके।
कुशवाहा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पार्टी में आने के बाद पार्टी ने यही इज्जत दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि मुझसे वे स्नेह करते हैं, जबकि पार्टी के ही कुछ लोग इस्तीफा भी मांग रहे। उन्होंने कहा स्नेह, प्रेम में लोग नजदीक आना चाहते हैं, और मुझसे इस्तीफा मांगा जा रहा है। उन्होंने जदयू से हिस्सेदारी मांगने का खुलासा करते हुए कहा कि जो हिस्सा नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद से 1994 फरवरी में गांधी मैदान में मांगा था, आज वही हिस्सा मैं उनसे मांगता हूं।
कुशवाहा ने एक बार फिर से साफ तौर पर कहा कि बिना हिस्सा लिए पार्टी छोड़कर नहीं जाऊंगा, चाहे तो मेरे सारे पद ले लें। मुझे किसी पद का लालच नहीं है। मेरी मुख्यमंत्री से कोई नाराजगी नहीं है। किसी से कोई तल्खी नहीं। उन्होंने कहा, मेरा मकसद तो पार्टी को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कुछ लोग बरगला रहे हैं। वो अपनी मर्जी से चीजें करने लगें तो अपने आप सब ठीक हो जाएगा।
नीतीश कुमार के कई बयानों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कई मौकों पर कह चुके हैं कि इन लोगों के कहने पर किया। कुढ़नी उप चुनाव के परिणाम के बाद भी कहा था कि टिकट इन लोगों के कहने पर दिया गया था। ऐसे में समझा जा सकता है कि नीतीश कुमार अपनी इच्छा से काम नहीं कर रहे। उपेंद्र कुशवाहा ने भोजपुर में उनके काफिले पर हुए हमले की चर्चा करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि, मेरे ऊपर हमला ही नहीं हुआ है, जबकि कई विडियो सामने हैं जिसमें पत्थर चलाते साफ कुछ लोग दिख रहे हैं। उन्होंने ऐसा ही एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच डीजीपी और मुख्य सचिव अपने स्तर से करें।
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