भोपाल। प्रदेश की विभिन्न कृषि उपज मंडियों में किसान की उपज बिकने के बाद व्यापारियों द्वारा हम्माली और तुलाई का कहीं पूरा तो कहीं आधा पैसा किसान से ही वसूला जाता था। अब व्यापारियों की इस मनमानी पर कृषि मंत्रालय ने रोक लगा दी है। इस संबंध में मंडी बोर्ड ने प्रदेश की सभी मंडी समितियों को निर्देश जारी किए हैं कि अपनी उपज बेचने आए किसानों से व्यापारी हम्माली और तुलाई नहीं ले सकेंगे। इस मामले में साफ किया गया है कि जिसका माल, उसी का हम्माल लगेगा। यानी मंडी में किसान की उपज की नीलामी होने के बाद उसे तौलना और गोदाम तक ले जाना उस व्यापारी की जिम्मेदारी होगी जिसने माल खरीदा है। इसे लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी व्यापारियों की इस मनमानी को रोकने के निर्देश दिए हैं।
अलग-अलग बोरों में माल लाने पर लगेगा आधा वहन
यदि एक ट्रैक्टर ट्रॉली या वाहन में कुछ किसान मिलकर अलग-अलग बोरों में अपनी उपज लाते हैं तो बिक्री या नीलामी के बाद इसकी हम्माली और तुलाई व्यापारी और किसान आपसी सहमति से आधी-आधी राशि वहन करेंगे।
लगातार आ रही थी शिकायतें
बताया जाता है कि प्रदेश की विभिन्न मंडियों से शिकायतें आ रही थीं कि उपज बेचने आए किसानों से व्यापारियों द्वारा हम्माली और तुलाई वसूली जा रही है। साथ ही बड़े तौल कांटे पर उपज तुलने के बाद दोबारा छोटे तौल कांटे पर तुलाई की जाती है। इस दोबारा तुलाई के लिए किसानों से हम्माली और तुलाई की राशि अलग से ली जाती है। अब किसानों की उपज बड़े इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे पर ही की जाएगी। इसमें किसी तरह की हम्माली और तुलाई किसान से नहीं ली जाएगी। साथ ही कृषि उपज के लिए बड़े इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे की पर्ची मान्य होगी।
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