तेल अवीव: रविवार शाम तेल अवीव (Tel Aviv) में हजारों की संख्या में इजरायली (Israelis) इकट्ठा हुए। देश भर में 7 अक्टूबर के हमलों के बाद यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है। गाजा पट्टी (Gaza Strip) में इजरायली सेना की ओर से छह बंधकों के शव बरामद करने के बाद लोगों में दर्द और गुस्से की लहर देखी जा रही है। लोगों की ओर से हमास (Hamas) के साथ बंधक-युद्धविराम (ceasefire) समझौते की मांग की जा रही है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक आयोजकों का अनुमान है कि तेल अवीव में 300000 से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए। इसके अलावा 200000 अन्य लोगों ने देश भर के अलग-अलग विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
प्रधानमंत्री पर भड़के लोग
प्रदर्शनकारी लोगों ने अब-अब का नारा लगाया। उन्होंने नेतन्याहू से शेष बंदियों को घर लाने के लिए हमास के साथ युद्धविराम करने की मांग की। अन्य लोगों ने नारा लगाया कि हम उन्हें जिंदा वापस चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने बंधकों के सम्मान में इजरायली झंडे, पीले रिबन और छह मारे गए बंधकों से माफी मांगने वाली तख्तियां हाथों में ले रखी थीं। तेल अवीव के रहने वाले श्लोमित हकोहेन ने कहा, ‘हम मानते हैं कि सरकार ये निर्णय अपने बचाव के लिए कर रही है, न कि बंधकों के जीवन के लिए और अब हम उन्हें बताना चाहते हैं कि रुक जाओ।’
व्यापार संघ ने की बंद की मांग
इजरायल के सबसे बड़े व्यापार संघ ने गाजा में छह बंधकों की मौत के बाद सोमवार को आम हड़ताल का आह्वान किया है। स्वास्थ्य, परिवहन और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों के 8,00,000 कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यापार संघ ‘हिस्ताद्रुत’ ने कहा कि हड़ताल सोमवार सुबह आरंभ होगी। इस हड़ताल का मकसद सरकार पर संघर्षविराम के लिए दबाव बढ़ाना है ताकि गाजा में हमास की बंधक बनाए गए शेष लोगों को वापस लाया जा सके। सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद यह पहली आम हड़ताल होगी। पिछले साल भी एक आम हड़ताल हुई थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को न्यायिक सुधारों की अपनी विवादित योजना टालनी पड़ी थी।
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